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कुत्ते के हमले से गंभीर घायल बच्ची को नहीं मिला उपचार

बुलंदशहर के अहमदपुर टांडा निवासी लेखराज सिंह की चार वर्षीय बेटी मानिया को खेत जाते समय आवारा कुत्तों ने नोच डाला।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 08:10 AM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 08:10 AM (IST)
कुत्ते के हमले से गंभीर घायल बच्ची को नहीं मिला उपचार
कुत्ते के हमले से गंभीर घायल बच्ची को नहीं मिला उपचार

मेरठ,जेएनएन। बुलंदशहर के अहमदपुर टांडा निवासी लेखराज सिंह की चार वर्षीय बेटी मानिया को खेत जाते समय आवारा कुत्तों ने नोच डाला। पेट और पीठ में गहरे घाव हो गए। गंभीर हालत में स्वजन उसे लेकर एलएलआरएम मेडिकल कालेज से पीएल शर्मा जिला अस्पताल तक इलाज के लिए भटकते रहे। आखिर में उपचार के अभाव में उसे जीटीबी अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया गया।

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गुरुवार सुबह आठ बजे मानिया पिता के साथ खेत की तरफ जा रही थी कि अचानक आवारा कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। बच्ची लहुलूहान होकर बेहोश हो गई। बेहोशी की हालत में बच्ची को सबसे पहले बुलंदशहर जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां डाक्टरों ने रैबीज इंजेक्शन लगाए। घाव वाले हिस्से की पट्टी कर प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद उसे लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया। स्वजन 108 एंबुलेंस से बच्ची को लेकर सुबह 10 बजे मेडिकल कालेज पहुंचे। स्वजन का कहना है कि मेडिकल कालेज के डाक्टर ने यह कहते हुए पीएल शर्मा जिला अस्पताल भेज दिया कि पहले रैबीज इंजेक्शन लगवाना है। जबकि परिजन कहते रहे कि इंजेक्शन लग गया है। बच्ची को सर्जरी व एआरएस सीरम डोज की जरूरत है। लेकिन डाक्टरों ने उनकी बात को अनसुना किया। इसके बाद एंबुलेंस बच्ची को पीएल शर्मा जिला अस्पताल में छोड़ गई। करीब एक घंटे तक स्वजन यहां भी भटकते रहे। जब डाक्टरों ने बच्ची को अटेंड किया तो उसकी स्थिति देखने के बाद उपचार से हाथ खड़े कर लिए और तत्काल जीटीबी अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया। काफी देर बाद एंबुलेंस मिली। इसके बाद वह गंभीर हालत में बच्ची को दिल्ली ले गए। स्वजन ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के मरीज लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज बेहतर उपचार के लिए आते हैं। यहां पर रैबीज सीरम (एआरएस) इंजेक्शन लगवाने की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। इन्होंने कहा-

जब एक ही कुत्ता शरीर में कई जगह काट लेता है। बड़े-बड़े घाव कर देता है तो संक्रमण फैलने से रोकने के लिए एआरएस की डोज देनी पड़ती है। यह उपचार पीएल शर्मा जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं था। इस वजह से बच्ची को जीटीबी अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया गया है।

डा. हीरा सिंह, सीएमएस, पीएल शर्मा जिला अस्पताल


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