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अभी आधे शहर के लिए ही है गंगाजल आपूर्ति की व्यवस्था

दो दिन पहले जिन चार भूमिगत जलाशय को गंगाजल मुख्य पाइप लाइन से जोड़ने का काम शुरू हुआ है उसके पूरा होने के बाद भी आधे शहर को ही गंगाजल मिल पाएगा। आधे शहर के लिए नगर निगम जलकल और जलनिगम को नई कार्ययोजना बनानी पड़ेगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 10:33 AM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 10:33 AM (IST)
अभी आधे शहर के लिए ही है गंगाजल आपूर्ति की व्यवस्था
अभी आधे शहर के लिए ही है गंगाजल आपूर्ति की व्यवस्था

मेरठ, जेएनएन। दो दिन पहले जिन चार भूमिगत जलाशय को गंगाजल मुख्य पाइप लाइन से जोड़ने का काम शुरू हुआ है, उसके पूरा होने के बाद भी आधे शहर को ही गंगाजल मिल पाएगा। आधे शहर के लिए नगर निगम, जलकल और जलनिगम को नई कार्ययोजना बनानी पड़ेगी। हालांकि शासन स्तर से पेयजल का पूरा लेखा-जोखा मांगा गया है।

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मेरठ पेयजल योजना के अंतर्गत 31 दिसंबर तक चार भूमिगत जलाशय नौचंदी, शास्त्रीनगर सेक्टर-12, बच्चा पार्क और गोलाकुआं गंगाजल आपूर्ति से जुड़ जाएंगे। जो कि जनवरी में चालू भी हो जाएंगे। जबकि पहले से माधवपुरम, विकासपुरी, शर्मा स्मारक और सर्किट हाउस भूमिगत जलाशय गंगाजल आपूर्ति से जुड़े हुए हैं और चालू हैं। इस तरह सभी नौ भूमिगत जलाशय के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र सिविल लाइंस से जेलचुंगी तक, शास्त्रीनगर जागृति विहार, पुराने शहर का लगभग पूरा हिस्सा, नौचंदी और गोलाकुआं के आसपास का पूरा क्षेत्र गंगाजल आपूर्ति से कवर हो जाएगा। लेकिन गंगानगर, पूरा कंकरखेड़ा क्षेत्र, पल्लवपुरम का पूरा क्षेत्र और परतापुर फ्लाईओवर से लेकर बेगमपुल तक दिल्ली रोड और हाइवे के बीच का पूरा क्षेत्र गंगाजल आपूर्ति से वंचित रहेगा। क्योंकि इन क्षेत्रों में न तो गंगाजल आपूर्ति की पेयजल लाइन पड़ी है और न ही भोला की झाल स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की इतनी क्षमता है कि पूरे शहर को गंगाजल आपूर्ति की जा सके। जलकल महाप्रबंधक कुमार गौरव ने बताया कि शासन ने पेयजल का लेखा-जोखा मांगा है। कितने घरों तक गंगाजल पहुंच रहा है। शहर में कुल कितने आवास हैं। कितने पानी की बिलिग हो रही है। पेयजल वर्तमान डिमांड क्या है। यह जानकारी जल्द भेजी जाएगी। पेयजल आपूर्ति विस्तार की योजना आने की उम्मीद है।

जरूरत के हिसाब से आपूर्ति संभव नहीं

जलकल अनुभाग के रिकार्ड के मुताबिक गर्मियों में शहर में पेयजल डिमांड 300 एमएलडी तक पहुंच जाती है। भोला की झाल स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से अधिकतम 100 एमएलडी गंगाजल ही आपूर्ति किया जा सकता है। अर्थात पेयजल डिमांड के सापेक्ष 200 एमएलडी गंगाजल आपूर्ति की और जरूरत है। यह तभी संभव है जब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का विस्तार किया जाए।


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