Ganga Water Level Alert: कालागढ़ बांध का जलस्तर 355 मीटर तक पहुंचा, कई गांवों में बाढ़ का खतरा
वर्ष 2010 में कालागढ़ बांध से दो लाख क्यूसेक पानी रामगंगा नदी में छोड़ा गया था। उस वक्त बांध में 366.300 मीटर से अधिक पानी का भंडारण हो गया था। पानी छोड़े जाने की वजह से उस वक्त हरेवली समेत कई गांवों में बाढ़ आ गई थी।
संवाद सूत्र, कालागढ़ (बिजनौर)। कालागढ़ बांध का जलस्तर शनिवार सुबह 10 बजे 355 मीटर पर पहुंच गया। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बांध प्रशासन से 355 मीटर के स्थान पर 31 अगस्त तक भंडारण की क्षमता 356 मीटर करने की अनुमति मिल गई है। वर्ष 2010 में कालागढ़ बांध से दो लाख क्यूसेक पानी रामगंगा नदी में छोड़ा गया था। उस वक्त बांध में 366.300 मीटर से अधिक पानी का भंडारण हो गया था। पानी छोड़े जाने की वजह से उस वक्त हरेवली समेत कई गांवों में बाढ़ आ गई थी।
कालागढ़ बांध के अधिशासी अभियंता नीरज कुमार त्यागी ने बताया कि अभी अगस्त माह के कुछ दिन ही शेष बचे हैं। मुख्य अभियंता पूर्वी गंगा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग मुरादाबाद से बांध में भंडारण की क्षमता 355 मीटर के स्थान पर 356 मीटर तक पानी के भंडारण की अनुमति मिल गई है। अब अगस्त माह में बांध में पानी भंडारण की क्षमता 356 मीटर रहेगी। यदि जलस्तर में वृद्धि हुई, तो रामगंगा नदी क्षेत्र में बाढ़ आने की संभावना है। नीरज कुमार त्यागी ने कहा कि बांध की झील से पानी पावर हाउस के जरिए छोड़ा जाएगा। इस पानी से बिजली का उत्पादन भी होगा। उन्होंने बताया कि अभी पावर हाउस की टरबाइन मशीनों की मरम्मत का कार्य चल रहा है। मरम्मत का कार्य जल्द पूरा हो जाएगा।
रामगंगा बांध का जलस्तर मापा: सिंचाई विभाग की टीम ने हरेवली स्थित रामगंगा बैराज के डाउन स्ट्रीम में रामगंगा नदी में पानी के बहाव के स्तर को मापा गया। शनिवार को दोपहर 12 बजे हरेवली बैराज की डाउन स्ट्रीम की तरफ रामगंगा नदी का जलस्तर 256.040 मीटर दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार की दोपहर को 255.470 मीटर था।
पानी बढ़ने से बाढ़ ने मचाई थी तबाही
क्षेत्र और पहाड़ी इलाकों में शुक्रवार रात से लगातार हो रही बारिश के चलते रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से हरेवली बैराज में भी पानी बढ़ गया है। इस बारे में सिंचाई विभाग के जेई सुरेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग पैनी नजर बनाए हुए है। अगर कालागढ़ डैम से रामगंगा नदी में पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए अलर्ट जारी कर दिया जाएगा। आज भी किसानों में 19 सितंबर 2010 को आई भीषण बाढ़ की यादें ताजा हैं। उस समय रामगंगा नदी के पास बसे गांव कुआखेड़ा, भोगपुर, भगौता, हरेवली, परमावाला, कंदला, खिजरपुर, मुबारकपुर आदि में बाढ़ ने तबाही मचाई थी। ग्रामीण फूल सिंह, राजकुमार, रामपाल सिंह, लाल सिंह, राकेश कुमार, महिपाल, होशराम, शीशराम सिंह का कहना है कि यदि कालागढ़ डैम से पानी छोड़ा गया तो पहले जैसी स्थिति बनने का डर है।
सिल्ट जमा होने से खतरा
हरेवली बैराज वर्ष 1962 में बना था। उस समय यहां पानी 3600 हेक्टेयर जमीन घेरता था, लेकिन अब मात्र 1600 हेक्टेयर जमीन पर ही पानी भरा हुआ है। इतने वर्षो में सिल्ट जमा होने के कारण खतरे का निशान चार फिट कम करना पड़ा है। पहले इसकी निकासी क्षमता दो लाख 60 हजार क्यूसेक थी, जो सिल्ट के कारण आधी रह गई है। वहीं मालन का जलस्तर एकाएक बढ़ने से पाईबाग, कछियाना, खैरुल्लापुर, अलीपुरा, शाहपुर आदि तटीय बसें गांव के ग्रामीणों की सांसे फूलने लगी। किसानों को कृषि भूमि कटान का डर सताने लगा तो ग्रामीणों को बाढ़ का डर सताने लगा। शनिवार की सुबह मालन का जलस्तर घटने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
किसानों की चिंता बढ़ी
मध्य गंगा बैराज पर बढ़ रहे गंगा के जलस्तर ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। गंगा ने गांव जीवनपुरी, उजियाली खुर्द, उजियाली कलां, शेखपुर चमरा व रामपुर ठाकरा के जंगल मे किसानों की एक हजार बीघा से भी अधिक फसल को अपनी चपेट में ले ली है। जिससे किसानों की गन्ने की फसल व सब्जी की फसल प्रभावित हो गई है। किसानों का आरोप है कि गंगा में करीब 7 मीटर सिल्ट जमी हुई है, जिससे गंगा का जलस्तर बढ़ने से उनके खेतों तक गंगा का पानी पहुंच गया है। किसान आशीष शर्मा ने बताया कि गंगा बैराज पर गंगा की 4 लाख 57 हजार क्यूसेक पानी निस्सारण की क्षमता है, जबकि शनिवार को गंगा में 1 लाख 43 हजार क्यूसेक पानी आने से ही गंगा का पानी उनके खेतों तक पहुंच गया, किसानों ने बताया कि उन्होंने पूर्व में गंगा में जमी सिल्ट की सफाई कराने के लिए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन किसी ने उनकी समस्या पर गौर नही किया। जिससे किसानों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। गंगा बैराज पर गंगा नदी चेतावनी बिंदु 219 मीटर से 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। प्रशासन द्वारा बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी किसानों तक नही पहुंचा है।