Ganga Express Way: एसआर एशिया के सर्वे के बाद होगा भूमि अधिग्रहण, किया गया एजेंसी का चयन
गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए प्रशासन की ओर से पूरी कवायद जारी है। लेकिन मेरठ जनपद में 181 हेक्टेयर में से 28 हेक्टेयर जमीन की खरीद किसानों के विवाद के कारण नहीं हो सकी है। अब इस जमीन का अधिग्रहण करना होगा। प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए मेरठ जनपद में 181 हेक्टेयर में से 28 हेक्टेयर जमीन की खरीद किसानों के विवाद के कारण नहीं हो सकी है। अब इस जमीन का अधिग्रहण करना होगा। अधिग्रहण प्रक्रिया से पहले सामाजिक प्रभाव अध्ययन किया जाना है। इस सर्वे के लिए जिला प्रशासन द्वारा गाजियाबाद की एजेंसी एसआर एशिया के नाम की संस्तुति की गई है।
गुजरेगा 12 जिलों से
594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगा। यह 12 जनपदों से गुजरेगा। मेरठ में नौ गांवों में किसानों की 181 हेक्टेयर जमीन की खरीद इस हाईवे के लिए की जानी है। जिला प्रशासन ने 153 हेक्टेयर जमीन की खरीद किसानों की सहमति से सीधे बैनामों के माध्यम से कर ली है। 28 हेक्टेयर जमीन शेष है। जिसकी खरीद किसानों के आपसी विवाद व मालिकाना हक के विवाद के चलते नहीं हो पा रही है। इस जमीन का अधिग्रहण करने का निर्णय लिया गया है।
अधिग्रहण से पहले सामाजिक प्रभाव सर्वे
अधिग्रहण की प्रक्रिया से पहले यूपीडा ने प्रभावित क्षेत्रों तथा वहां की जनता पर भूमि के अधिग्रहण से पडऩे वाले प्रभाव का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। जिला प्रशासन ने इस सामाजिक अध्ययन सर्वे के लिए एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे थे। दो कंपनियों ने आवेदन किया था। जिसमें से गाजियाबाद की एजेंसी एसआर एशिया के प्रस्ताव की चयन समिति ने शासन से संस्तुति की है। दूसरा प्रस्ताव सी-बर्ट एजेंसी ने दिया था।
दो महीने में पूरा होगा सर्वे
जिला प्रशासन की मानें तो लगभग दो महीने में यह सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होगी। अधिसूचना जारी करके भूमि की दरें निर्धारित कर दी जाएगी। मालिकाना हक के विवाद की स्थिति में मुआवजा की राशि कोर्ट में जमा कराकर भूमि पर काम शुरू करा दिया जाएगा। एडीएम भूमि अध्याप्ति सुल्तान अशरफ सिद्दीकी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि की खरीद और अधिग्रहण का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।