मेरठ में नकली खाद और दवा से कई किसानों की आलू की फसल हुई बरबाद, अधिकारी पर दुकानदार को क्लीन चिट देने का आरोप, कलक्ट्रेट में प्रदर्शन
मेरठ में नकली खाद और दवा की बिक्री को लेकर किसानों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जिला कृषि अधिकारी ने दुकान से नमूने भरने के बाद जांच रिपोर्ट में किसान सेवा केंद्र संचालक को क्लीन चिट दे दी।
मेरठ, जेएनएन। नकली खाद व दवा बिक्री करने का आरोप लगाते हुए सिखैडा, मामेपुर व ललसाना समेत कई गांवों के लोगों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। किसानों ने क्रय केंद्र की शिकायत पर जिला कृषि अधिकारी के पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि जिला कृषि रक्षा अधिकारी का पदभार देख रहे जिला कृषि अधिकारी ने दुकान से नमूने भरने के बाद जांच रिपोर्ट में किसान सेवा केंद्र संचालक को क्लीन चिट दे दी। किसानों ने सोमवार को कलक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी को जिला कृषि अधिकारी व किसान सेवा केंद्र की जांच करने की मांग की है। किसानों ने आरोप लगाया कि नकली खाद व दवा डालने से आलू की फसल चौपट हो गई। इससे पहले पीड़ित किसान ने मुख्यमंत्री को भी शिकायती पत्र लिखकर भेजा है। पीड़ित किसान का कहना है कि उसने आलू की फसल में खाद आदि सामग्री डाली थी। जिसके बाद उसकी पूरी फसल खराब हो गई।
इंचौली के विक्रय किसान सेवा केंद्र से खरीदा था खाद
इंचौली थाना क्षेत्र के सिखैड़ा निवासी सीताराम पुत्र स्व. दौलत सिंह ने बताया कि दो एकड़ आलू के लिए इंचौली स्थित विक्रय किसान सेवा केंद्र पर नरेंद्र, संजय व बाबू के यहां से 6 बैग डीएपी, 5 बैग सिंगल सुपर, 3 बैग पोटाश, 30 किलो फेरस व एक लीटर रिकाल खरीदा था। सीताराम का कहना है कि इस खाद से उसकी आलू की फसल एक माह में पीली पड़ गई। इस संबंध में सीताराम ने जिला कृषि अधिकारी से 7 जनवरी को लिखित शिकायत की थी। आरोप है कि इस संबंध में क्या कार्रवाई हुई, इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी कृषि विभाग ने नहीं दी। सीताराम ने मुख्यमंत्री को शिकायत लिखकर कार्रवाई की मांग की है। सीताराम ने जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रमोद सिरोही पर भी जांच के मामले में कई आरोप लगाए हैं।
पहले कच्चा, बाद में थमा दिया पक्का बिल
किसान सीताराम ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में रिटेलर से पक्का बिल मांगा, लेकिन उसने कच्चा बिल थमा दिया। काफी जद्दोजहद के बाद पक्का बिल बनाकर दिया। सीताराम का आरोप है कि गोदाम की जांच के साथ रिटेलर के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए।