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बागपत : गमगीन माहौल में हुआ चार बच्‍चों का अंतिम संस्‍कार, कार के अंदर दम घुटने से हुई थी मासूमों की मौत

बागपत में एक कार के अंदर चार बच्‍चों की दम घुटने से मौत हो गई थी। शनिवार को दो बच्चों के शव का सिगौलीतगा गांव व दो बच्चों का ढिकौली गांव में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 02:27 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 02:27 PM (IST)
बागपत : गमगीन माहौल में हुआ चार बच्‍चों का अंतिम संस्‍कार, कार के अंदर दम घुटने से हुई थी मासूमों की मौत
गमगीन माहौल में बच्‍चों का हुआ अंतिम संस्‍कार।

बागपत, जेएनएन। जनपद के सिंगौलीतगा गांव में उस वक्‍त कोहराम मच गया। जब सूचना मिली कि चार बच्‍चों की कार के अंदर दम घुटने से मौत हो गई है। मासूमों के माता पिता को इस घटना का बिल्‍कुल भी आभास नहीं हुआ। शायद बच्‍चों ने आवाज भी दी होगी, पर कार का शीशा बंद होने के कारण उनकी आवाज ही दब गई। आसपास के लोग भी इस घटना से अंजान रह गए, क्‍योंकि बच्‍चे कुछ देर पहले ही तो खेल रहे थे। अचानक हुई इस घटना से आसापास के क्षेत्रों में भी मातम पसर गया। शनिवार को दो बच्चों के शव का सिगौलीतगा गांव व दो बच्चों का ढिकौली गांव में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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बंद कार में दब गई मासूमों की आवाज

कोरोना की दहशत के बीच सिंगौलीतगा गांव में शुक्रवार दोपहर चार मासूमों की मौत से मातमी सन्नाटा पसर गया। मां-बाप को क्या पता था जिन चार बच्चों को वह हंसता खेलता छोड़ रहे हैं वह हमेशा के लिए उनसे दूर हो जाएंगे। इन मासूम बच्चों को क्या मालूम था कि वह जिस कार के अंदर खेलने के लिए प्रवेश कर रहे हैं वही कार उनकी मौत बन जाएगी। इससे भी इनकार नहीं किया जा रहा कि दम घुटते वक्त बच्चों ने आवाज भी दी होगी लेकिन बंद कार से उनकी आवाज बाहर तक नहीं आ सकी और उनकी जान चली गई। चार बच्चों की मौत व एक के गंभीर होने की घटना के बाद स्वजन में कोहराम मचा है। पूरा गांव सांत्वना देने में जुटा है।

गांव में किसी घर नहीं जले चूल्‍हे

शोक ऐसा कि रात में किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला। इस घटना के बाद आरोपित कार चालक और उसका भाई गांव से फरार है। स्वजन उस पर बच्चों की हत्या का अरोप लगा रहे हें और उसे गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मरने वाले चारों बच्चे में से दो बच्चों के स्वजन बाहर के रहने वाले हैं। विकास के स्वजन गाजियाबाद जिले के छपरौला गांव के हैं, जबकि संदीप मूलरूप से ढिकौली गांव का रहने वाला है और छह साल से रिश्तेदारी में रह रहा है। पुलिस का कहना है कार मालिक व उसके भाई की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

यह था पूरा मामला

सिंगौलीतगा गांव निवासी हैप्पी पुत्र राजकुमार के पास टाटा टिगोर कार है। ग्रामीणों के अनुसार शुक्रवार सुबह दस बजे कार को चालक हैप्पी के घेर (वह स्थान जहां पशु बांधने के साथ वाहन खड़े किए जाते हैं) में खड़ा करके चला गया, लेकिन लाक करना भूल गया। कुछ देर बाद पड़ोस के पांच बच्चे खेलते हुए हैप्पी के घेर में पहुंच गए और कार में बैठ गए। बच्चों द्वारा कार के सभी दरवाजे बंद करने से सेंट्रल लाक लग गया और बच्चे कार में बंद हो गए। स्वजन के अनुसार कार में दम घुटने से संदीप की आठ वर्षीय बेटी नियति व चार वर्षीय वंदना, विकास के आठ वर्षीय बेटे अक्षय तथा चार वर्षीय बेटे कृष्णा की मौत हो चुकी थी। 


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