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कर्मचारियों का पूरा हुआ प्रशिक्षण, अब मतदान कराना लक्ष्य

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 11 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिये जनपद की सात विधानसभा के कुल 2740 बूथों के लिये 3015 पोलिंग पार्टियों और अतिरिक्त कर्मियों को मतदान ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के संचालन का प्रशिक्षण 2 अप्रैल से पांच दिन तक दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 06:19 AM (IST)
कर्मचारियों का पूरा हुआ प्रशिक्षण, अब मतदान कराना लक्ष्य
कर्मचारियों का पूरा हुआ प्रशिक्षण, अब मतदान कराना लक्ष्य

मेरठ । लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 11 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिये जनपद की सात विधानसभा के कुल 2740 बूथों के लिये 3015 पोलिंग पार्टियों और अतिरिक्त कर्मियों को मतदान, ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के संचालन का प्रशिक्षण 2 अप्रैल से पांच दिन तक दिया गया। शनिवार को प्रशिक्षण कार्य समाप्त हो गया। अब सभी शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान का लक्ष्य सौंपा गया है।

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हालांकि पूर्व में गैर हाजिर रहने वाले कार्मिकों को ही शनिवार को प्रशिक्षण दिया गया लेकिन फिर भी 47 पीठासीन के साथ कुल 143 कर्मचारी गैरहाजिर रहे। इन सभी को अंतिम मौका देते हुए रविवार को दोपहर 12 बजे तक विकास भवन में बुलाया गया है। इसके बाद सभी गैरहाजिर के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने की घोषणा मुख्य विकास अधिकारी ने की है। मतदान कार्मिकों को प्रशिक्षण देने का कार्य 2 से 6 अप्रैल तक सदर स्थित सनातन धर्म इंटर कालेज में किया गया। शुक्रवार तक 3015 पोलिंग पार्टियों में शामिल कार्मिकों को दो शिफ्ट में प्रशिक्षण दिया गया। शनिवार को सभी गैरहाजिर कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी आर्यका अखौरी ने देर शाम विज्ञप्ति जारी करके बताया कि प्रशिक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अभी भी 47 पीठासीन अधिकारी, 27 प्रथम मदतान अधिकारी, 33 द्वितीय तथा 32 तृतीय मतदान अधिकारी प्रशिक्षण लेने नहीं पहुंचे हैं। इन सभी को रविवार दोपहर 12 बजे तक विकास भवन में उपस्थित होने का अंतिम अवसर दिया गया है। इसके बाद भी ड्यूटी पर न आने वाले कार्मिकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी जाएगी। ड्यूटी कटवाने पहुंचे

शनिवार को भी दर्जनों कर्मचारी अपनी ड्यूटी कटवाने की अपील करने एसडी सदर इंटर कालेज पहुंचे। इनमें कई महिलाएं छोटे बच्चे लेकर पहुंची। सिपाही खेलते रहे शतरंज

प्रशिक्षण के दौरान व्यवस्था बनाने के लिये तैनात किए गए पुलिसकर्मी एकांत में बैठकर शतरंज खेलते रहे। उन्हें न तो उनके उच्चाधिकारियों ने और न ही प्रशासनिक अफसरों ने रोका-टोका।


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