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योगी सरकार के चार साल : मेरठ के किसानों को मिला धान के एमएसपी का लाभ, पर गन्ना भुगतान ने किया निराश

योगी सरकार के चार वर्ष पूरे हो गए हैं। इस कार्यकाल में किसानों के लिए धान व गेहूं की बंपर बिक्री हुई। मेरठ मंडल में 34 क्रय केंद्रों पर 600 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 1307 किसानों ने 5161 मीट्रिक टन धान बेचा। जिसमें 9.64 करोड़ का भुगतान किया गया।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 01:18 PM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 01:18 PM (IST)
योगी सरकार के चार साल : मेरठ के किसानों को मिला धान के एमएसपी का लाभ, पर गन्ना भुगतान ने किया निराश
मेरठ में एमएसपी का लाभ धान किसानों को भरपूर मिला।

मेरठ, जेएनएन। योगी सरकार के चार वर्ष पूरे हो गए हैं। इस कार्यकाल में किसानों के लिए धान व गेहूं की बंपर बिक्री हुई। किसानों ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की रिकार्ड बिक्री की। अकेले मेरठ मंडल में 34 क्रय केंद्रों पर 600 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 1307 किसानों ने 5161 मीट्रिक टन धान बेचा। जिसके बदले किसानों को 9.64 करोड़ का भुगतान किया गया। इससे पहले पिछले वर्ष मेरठ मंडल में सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की बहुत कम खरीद होती थी। लेकिन किसानों को अच्छे दाम मिलने के कारण उनका रूझान सरकारी क्रय केंद्रों की तरफ अधिक दिखाई पडा।

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गन्ना मूल्य बढ़ा नहीं, भुगतान साल भर में

पिछले तीन वर्षों में गन्ना मूल्य में वृद्धि नहीं की गई है। मेरठ जिले की छह चीनी मिलों ने पेराई सत्र 2017-18 में गन्ना किसानों को 2483 करोड़ का गन्ना भुगतान किया। अगले सत्र 2018-19 में यह भुगतान 2319 करोड़ रहा। 2019-20 सत्र में किसानों को 2637 करोड़ का गन्ना भुगतान किया गया। हालांकि, किसानों का कहना है कि योगी सरकार ने 14 दिनों में गन्ना भुगतान दिलाने का दावा किया था, लेकिन साल भर के बाद ही उनका भुगतान हो पा रहा है। वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 में किसानों को अभी तक केवल 35 फीसद गन्ना भुगतान हुआ है।

गंगनहर पटरी के लिए मिले 628.74 करोड़

योगी सरकार ने 2017 में घोषणा के बाद 2020 में कांवड़ गंगनहर पटरी मार्ग के दोहरीकरण को स्वीकृत कर बड़ा तोहफा दिया है। इससे कांवड़ पटरी मार्ग पर जाम व दुर्घटनाओं से मुक्ति मिलेगी। कैबिनेट ने पहली किश्त के रूप में 100 करोड़ जारी कर शासनादेश जारी किया। मौजूदा स्थिति में क्रैश बैरियर व अन्य प्री-कंस्ट्रक्शन एक्टीविटी भी शुरू कर दी गई हैं। लोक निर्माण विभाग के अनुसार, अगले दो सालों में गंगनहर पटरी का नव-निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। 


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