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Black Fungus: मेरठ में पीडब्‍ल्यूडी के कर्मचारी नेता समेत ब्लैक फंगस से चार की मौत, नौ की हालत गंभीर

ब्‍लैक फंगस मेरठ में कहर बरपा रहा है। शुक्रवार को चार लोगों की ब्‍लैक फंगस से मौत हा गई। नौ की हालत गंभीर बताई जा रही है जबकि नौ के दिमाग में फंगस पाया गया है। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी नेता की भी मौत हो गई है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 08:43 AM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 08:43 AM (IST)
Black Fungus: मेरठ में पीडब्‍ल्यूडी के कर्मचारी नेता समेत ब्लैक फंगस से चार की मौत, नौ की हालत गंभीर
मेरठ में ब्‍लैक फंगस कहर बरपा रहा है।

मेरठ, जेएनएन। वक्त पर इलाज न मिलने से मरीजों के लिए ब्लैक फंगस घातक बनता जा रहा है। गुरुवार को चार मरीजों की मौत हो गई। दो मरीजों ने मेडिकल कालेज में दम तोड़ा, जबकि निजी अस्पतालों में दो की जान चली गई। जिले में कुल 16, जबकि मंडल 24 मरीजों की मौत हो चुकी है। मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने बताया कि एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन नहीं मिल सका, और मरीजों को पोसाकोनाजोल देना पड़ा।

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52 मरीज ठीक होकर भी गए

कोविड वार्ड प्रभारी डा. धीरज ने बताया कि वार्ड में 70 मरीज भर्ती हैं। इसमे कई मरीजों की हालत गंभीर है। उन्हें पोसोकोनोजोल दिया जा रह है, जिससे कई मरीजों को फायदा भी हुआ है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन की रिपोर्ट के मुताबिक 14 अस्पतालों में 14 नए मरीज पहुंचे, जबकि कुल संख्या 170 पार कर चुकी है। मेडिकल कालेज में अब तक कुल 105 मरीज पहुंच चुके हैं, जिसमें से 76 भर्ती हैं। 23 डिस्चार्ज किए गए हैं। कुल मिलाकर ब्लैक फंगस के 52 मरीज ठीक होकर घर भी गए हैं। ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए दो वार्ड बनाए गए हैं। डा. वीपी सिंह ने बताया कि अब तक छह मरीजों का आपरेशन किया गया है। कई मरीजों में कोरोना और ब्लैक फंगस दोनों मिल रहा है। वहीं, आनंद एवं न्यूटिमा में 20 से ज्यादा मरीजों का आपरेशन किया जा चुका है। ईएनटी एवं नेत्र रोग क्लीनिकों में बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं।

ज्यादातर हैं शुगर के मरीज

ब्लैक फंगस के मरीजों में ज्यादातर में शुगर की बीमारी मिली है। डाक्टरों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर ने बिना शुगर चेक कराए स्टेरायड का सेवन किया, जिससे उनके खून में शर्करा की मात्र 500-700 तक पहुंच गई। फंगस शुगर को खाकर तेजी से बढ़ता है। एंटीबायोटिक एवं अन्य दवाओं के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर फंगस पकड़ रहा है। कई मरीजों में मास्क व आक्सीजन पाइपलाइन की गंदगी से भी संक्रमण होने की बात सामने आई है। वायरस संक्रमित होकर मरीज की प्रतिरोधक क्षमता कम करता है।

लोनिवि कर्मचारी नेता ओमकार सिंह का ब्लैक फंगस से निधन

उप्र पीडब्ल्यूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के जिला मंत्री और सचिव ओमकार सिंह (49) की ब्लैक फंगस से मौत हो गई। वह प्रांतीय खंड लोनिवि में कार्य अभिकर्ता थे। जनपद अध्यक्ष अहसान अली ने बताया कि ओमकार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे, जिसके बाद उन्हें वैशाली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर चिकित्सकों ने बाद में ब्लैक फंगस के संक्रमण की बात भी कही। कर्मचारी नेता के निधन पर प्रदेशाध्यक्ष भारत यादव, प्रदेश महामंत्री शैलेंद्र कुमार शुक्ला, प्रदेश संयुक्त मंत्री अरविंद तोमर व मंडल अध्यक्ष राकेश नागर ने दुख जताया है। ओमकार के निधन से लोनिवि कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गई।

नौ मरीजों के ब्रेन में पहुंचा फंगस

मेडिकल कालेज में भर्ती फंगस के मरीजों में से नौ में ब्रेन में संक्रमण पहुंच चुका है। डाक्टरों ने बताया कि यह जानलेवा अवस्था होती है, जिसमें मरीजों में गफलत बनने के साथ ही रक्तचाप गिरने एवं अन्य खतरे मिल रहे हैं। फंगस नाक से आंख को खराब करते हुए दिमाग में पहुंचने से 70-80 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है। इन मरीजों को आक्सीजन पर रखा गया है। ब्रेन में सूजन खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। मेडिकल कालेज में ब्रेन सर्जरी के आधुनिक उपकरण नहीं हैं। डा. वीपी सिंह के मुताबिक आठ से दस दिन में संक्रमण दिमाग तक पहुंच जाता है। इस बीमारी को वक्त पर पकड़ने से सटीक इलाज किया जा सकता है। 


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