वन विभाग नाकाम, एक्सपर्ट के हवाले तेंदुआ सर्च आपरेशन
तेंदुआ सर्च आपरेशन में नाकाम वन विभाग की टीम ने एक सप्ताह बाद वाइल्ड लाइफ केयर एक्सपर्ट टीम से सहयोग मांगा है।
मेरठ, जेएनएन। तेंदुआ सर्च आपरेशन में नाकाम वन विभाग की टीम ने एक सप्ताह बाद वाइल्ड लाइफ केयर एक्सपर्ट टीम से सहयोग मांगा है। वाइल्ड लाइफ टीम मौके पर पहुंची और तेंदुओं की पुरानी व नई लोकेशन का मुआयना किया। एक्सपर्ट ने नई लोकेशन पर तेंदुए की मौजूदगी का दावा करते हुए गाजियाबाद से मंगाए गए पिजरे लगाने की सलाह दी। टीम पिजरा लेकर नई लोकेशन पर पहुंची तो एक तेंदुआ रेत के टीले पर तीन मिनट तक बैठा दिखा। इसके बाद सरसों के खेत में घुस गया। इस दौरान टीम के पास सुरक्षा के लिए डंडों के सिवा कुछ नहीं था।
फतेहपुर-भड़ौली के खेतों में तेंदुआ दिखने के बाद एक सप्ताह पूर्व शुरू हुए सर्च आपरेशन में रोजाना तब्दीली हो रही है। शुक्रवार को नई लोकेशन का पता लगने के बाद डीएफओ राजेश कुमार सुबह 11 बजे पहुंचे। करीब डेढ़ बजे बजे वाइल्ड लाइफ केयर एक्सपर्ट एवं ऐरावत डायरेक्टर जीएस खुशारिया की टीम पुन: फतेहपुर पहुंची और पुरानी व नई लोकेशन का निरीक्षण किया। उन्होंने नई लोकेशन पर पिजरा लगाने के निर्देश दिए। टीम पिजरा लेकर नई लोकेशन पर पहुंची तो तेंदुआ टीले पर बैठा दिखा। जीएस खुशारिया ने गन्ने के खेत में पिजरा लगवा दिया।
रिहर्सल के बाद लगा पिजरा
वन विभाग ने पहले से दो पिजरे फतेहपुर-भड़ौली के जंगल में लगा रखे हैं। इनमें से एक पिजरा खराब है। गाजियाबाद से मंगाया गया पिजरा भी खराब निकला। एक्सपर्ट ने पिंजरे को दुरुस्त किया और रिहर्सल भी करके देखा। ग्रामीणों के रोष को देखते हुए वन विभाग व वाइल्ड लाइफ की टीम ने फतेहपुर-भड़ौली के ग्रामीणों को बुलाकर बताया कि तेंदुआ अब यहां से दो किमी दूर जड़ौदा के जंगल में पहुंच गया है। इसलिए हम पिजरा उठाकर वहीं लगाने जा रहे हैं।
एक्सपर्ट ने दिया था पकड़ने का मशविरा
वाइल्ड लाइफ केयर एक्सपर्ट को चार दिन पूर्व डीएफओ उस वक्त लेकर पहुंचे थे जब तेंदुआ पिजरे में बैठकर निकल भी गया था। उस दिन भी एक्सपर्ट ने तीन तेंदुए गन्ने के खेत में पेड़ के पास देखे थे। उन्होंने उस वक्त ही उन्हें पकड़ने का मशविरा दिया था लेकिन वनाधिकारियों ने उनकी सलाह को तवज्जो नहीं दी।
जड़ौदा के जंगल में शावकों के जन्म का दावा
मौके पर पहुंचे भड़ौली के प्रधान दयाचंद, ग्रामीण बबलू, रामकेश आदि ने दावा किया कि जिस टीले पर तेंदुआ दिखा है, उसी टीले पर करीब दो साल पूर्व मादा तेंदुए ने दो शावकों को जन्म दिया था। ये शावक यहीं पर पले-बढ़े हैं।