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यह जलवायु परिवर्तन का असर है, फरवरी में ऐसा कोहरा कि पास का भी नजर न आया

जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का असर ऐसा है कि जो कोहरा दिसंबर-जनवरी में पड़ता था इस बार फरवरी में भी छाया हुआ है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 04:26 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 04:26 PM (IST)
यह जलवायु परिवर्तन का असर है, फरवरी में ऐसा कोहरा कि पास का भी नजर न आया
यह जलवायु परिवर्तन का असर है, फरवरी में ऐसा कोहरा कि पास का भी नजर न आया

मेरठ, जेएनएन। जलवायु परिवर्तन के असर से मौसम में व्यापक स्तर पर फेरबदल हो रहा है। दिसंबर और जनवरी के शुरू में देखा जाने वाला कोहरा फरवरी में नजर आ रहा है। रविवार की रात को इस सीजन का सबसे सघन कोहरा छाया। रात के समय दृश्यता 10 मीटर से भी कम आंकी गई। सूरज निकलने तक ठंड का प्रकोप बना रहा।
23 दिन बाद दिखा कोहरा
मौसम विभाग ने 1981 से 2010 तक नवंबर से फरवरी तक ठंड के सीजन में मेरठ में पड़ने वाले फॉग-डे कोहरे के दिन का औसत निकाला है। जिसके तहत ठंड में अमूमन 24 दिन कोहरा पड़ना चाहिए। पिछले सालों में जहां दो-तीन दिनों तक लगातार कोहरा पड़ता था, इस बार कड़ाके की ठंड वाले दिनों में भी कोहरा नजर नहीं आया है। उथले और हल्के कोहरे को छोड़ दें तो इस वर्ष 11 जनवरी को पहली बार कोहरा पड़ा था। जिसमें मौसम विभाग ने सुबह के समय दृश्यता 50 से 100 मीटर आंकी थी।

50 मीटर से भी कम दृश्यता
शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे दृश्यता पचास मीटर से कम थी। घने कोहरे में शहर की सिग्नेचर इमारत घंटाघर भी नजर नहीं आ रही थी। रात में शहर के बाहरी इलाकों और हाईवे पर और भी बुरा हाल रहा। भारतीय कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि रविवार देर रात दृश्यता पांच मीटर तक सिमट गई।
11 बजे तक रहा ठंड का कहर
कोहरे के साथ ठंडी हवाओं ने भी सर्दी के सितम को और बढ़ा दिया। कोहरे और हवाओं के बीच स्कूली बच्चों का बुरा हाल रहा। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री आंका गया, जो सामान्य से कम था। सुबह दस बजे तक यह 10.5 डिग्री तक बना रहा। धूप निकलने के बाद सर्दी का प्रकोप कम हुआ और धुंध की चादर साफ हुई।
कोहरे के बारे में यह भी जानें

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  • अति घना कोहरा : जब दृश्यता 50 मीटर से कम हो।
  • घना कोहरा : जब दृश्यता 50 से 200 मीटर के बीच की हो।
  • सामान्य कोहरा : जब दृश्यता 200 से 500 मीटर के बीच हो।
  • उथला कोहरा : जब दृश्यता 500 से 1000 मीटर के बीच हो।
  • कुहासा : जब दृश्यता एक किमी से अधिक हो, लेकिन धुंध का आभास हो।

फसलों को हो सकता है नुकसान
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मंगलवार को भी कोहरा छाएगा। बारिश और ओलावृष्टि की भी आशंका है। छह और सात फरवरी को भी गरज-चमक के साथ बारिश की उम्मीद है। तेज हवाओं और ओलावृष्टि से गेंहू और सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है। इससे आलू की खोदाई भी प्रभावित हो सकती है।
दिल्ली में होता है 50 दिन का कोहरा
दिल्ली में एक वर्ष में औसतन कोहरे के 50 दिन होते हैं। इनमें 15 दिन दिसंबर और 17 दिन जनवरी के होते हैं। बाकी के शेष 10 महीने में दर्ज किए जाते हैं।
कोहरे के कारण लेट रहीं कई ट्रेन
कोहरे के कारण मेरठ से गुजरने वाली कई ट्रेन लेट रही। सुबह शालीमार और सुपर करीब दो घंटे लेट रही। यात्रियों को काफी परेशानी हुई। वहीं, नौचंदी और संगम एक्सप्रेस लगभग सही समय पर आई। स्टेशन अधीक्षक आरपी शर्मा ने बताया कि कोहरे में लंबी दूरी की ट्रेन अक्सर लेट हो जाती हैं। मेरठ से चलने वाली संगम एक्सप्रेस और नौचंदी एक्सप्रेस पिछले कई दिनों से समय पर चल रही हैं।


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