Ayushman Yojna: मरीज के साथ-साथ आयुष्मान योजना से भी कराया बिल का भुगतान, डॉक्टर पर पांच गुना जुर्माना Meerut News
आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत जिला प्रशासन ने एक चिकित्सक पर बड़ी कार्रवाई की है। मेरठ में पहली बार किसी डाक्टर पर नकद जुर्माना लगा है।
मेरठ, जेएनएरन। आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत जिला प्रशासन ने एक चिकित्सक पर बड़ी कार्रवाई की है। डीएम की समिति ने जांच में पाया कि आर्थोपेडिक डाक्टर ने एक मरीज से कूल्हे के आपरेशन का खर्च लिया, फिर आयुष्मान योजना से भी बिल का भुगतान करा लिया। सीडीओ की अगुआई वाली समिति ने जांच रिपोर्ट के आधार पर 18 जनवरी को डाक्टर पर पेनाल्टी समेत पांच गुना जुर्माना लगा दिया। जुर्माना सात दिनों के अंदर स्टेट हेल्थ एजेंसी में भरना होगा। जांच टीम ने एक प्रति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक को भी भेजी है। मेरठ में पहली बार किसी डाक्टर पर नकद जुर्माना लगा है।
कूल्हे का आपरेशन किया था
जिला शिकायत निवारण समिति ने सीडीओ ईशा दुहन की अगुवाई में 18 जनवरी को बैठक की। इस दौरान सुषमा सैनी की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच रिपोर्ट पेश की। इसके मुताबिक सुषमा सैनी अपने पुत्र हिमांशु सैनी के कूल्हे के इलाज के लिए उसे फेज-2 पल्लवपुरम स्थित मेरठ आर्थोपेडिक एंड रिसर्च सेंटर ले गई। मरीज का आयुष्मान कार्ड अस्पताल में जमा हो गया।
1.5 लाख रुपये लेने का आरोप
डा. एमसी सैनी ने नकद जमा करने के लिए कहा, साथ ही पैनल से भुगतान होने पर पैसा लौटाने की भी बात कही। इलाज के नाम पर 1.5 लाख रुपये लिए। सुषमा ने जांच टीम के सामने प्रमाण के रूप में 34531 रुपये का बिल पेश किया था। जिला शिकायत निवारण समिति ने स्पष्ट किया कि आर्थोपेडिक सेंटर के खिलाफ की गई शिकायत सही पाई गई है।
स्टेट हेल्थ एजेंसी भी एक्शन लेगी
सीडीओ ने एसीएमओ डा. पूजा शर्मा, कमेटी सचिव डा. अक्षिता सिंह व आइएएस अधिकारी दीपक शर्मा के साथ बैठक में स्पष्ट किया कि डा. एमसी सैनी को 34531 से पांच गुना यानी 172655 रुपये बतौर जुर्माना जमा करना होगा। सप्ताहभर के अंदर डाक्टर को कुल 207186 रुपये जमा करने के लिए कहा गया है। इसी मद से स्टेट हेल्थ एजेंसी मरीज को भुगतान करेगी। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि जुर्माना जमा न करने पर नेशनल हेल्थ एजेंसी की गाइडलाइन के अनुसार अगली कारवाई की जाएगी। उधर, डा. एमसी सैनी का कहना है कि मरीज 23 जून 2019 को इलाज के लिए आया था, जिसके पास कोई कार्ड नहीं था। 26 जून को मरीज भुगतान कर घर चला गया। डाक्टर ने कहा कि इसके बाद मरीज की मां आयुष्मान कार्ड लेकर आईं, और रजिस्ट्रेशन का दबाव बनाया। अब वो फंसाने का प्रयास कर रही हैं।