मुजफ्फरनगर में अवैध संबंधों के शक में हुई हत्या के आरोप से पांच बरी, यह है पूरा मामला
मुजफ्फरनगर नई मंडी कोतवाली के गांव पचेंडा में 12 वर्ष पूर्व कर दी गई थी युवक की हत्या। कोर्ट ने परिवार के चार सदस्यों सहित पांच को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। पढ़े पूरा मामला...
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। 12 वर्ष पूर्व अवैध संबंधों के शक में की गई युवक की हत्या के आरोप में नामजद परिवार के चार सदस्यों सहित पांच आरोपितों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभवा में बरी कर दिया।
12 वर्ष पूर्व नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांव पचेंडा निवासी अनुज उर्फ अंजू पुत्र सोमपाल घर से गायब हो गया था। तीन दिन बाद 27 जनवरी 2008 को अनुज उर्फ अंजू की माता नगीनी ने नई मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसके बेटे अनुज की हत्या करीब ही रहने वाले रोडवेज विभाग में बस परिचालक अशोक, ऊषा पत्नी अशोक तथा उनके बेटे विकास तथा बेटी रितु ने गांव के धीरा पुत्र मनफूल के साथ मिलकर कर दी। बताया कि रीतू उसके बेटे अनुज से पढ़ाई के संबंध में बात कर लेती थी, जिसके चलते आरोपितों को अवैध संबंध का शक था। जिसके उपरांत रितू के माध्यम से 24 जनवरी को आरोपितों ने अनुज को घर से बुलाया तथा उसकी हत्या कर दी। जिसका शव चार दिन बाद गांव चांदपुर के जंगल से बरामद हुआ। पुलिस ने ऊषा तथा उसकी बेटी रितू को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि बाकी आरोपित कोर्ट में आत्मसमर्पण कर जेल चले गए थे। घटना के मुकदमे की विवेचना तत्कालीन सीओ सिटी अनूप कुमार ने की। मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट हिमांशु भटनागर ने की। सुनवाई उपरांत कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी पांचों आरोपितों को युवक के अपहरण तथा हत्या के आरोप से बरी कर दिया।