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World Heart Day 2020: पहले हार्ट अटैक आया, बाद में पता चला कोरोना है, ऐसे में क्‍या करें

मेरठ में कुछ केस ऐसे भी सामने आए हैं। मरीज में कोरोना का कोई लक्षण नहीं। अचानक हार्ट अटैक आया और अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि मरीज को कोरोना है। यानी कोरोना संक्रमण की वजह से हार्ट अटैक हो रहा है। पढ़िए ऐसे में क्‍या करें।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 09:20 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 09:20 AM (IST)
मेरठ में विशेषज्ञों ने बताया कि 20 फीसद संक्रमित मरीजों में हार्ट पर खतरा है।

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। World Heart Day 2020 मरीज में कोरोना का कोई लक्षण नहीं। अचानक हार्ट अटैक आया और अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि मरीज को कोरोना है। यानी कोरोना संक्रमण की वजह से हार्ट अटैक हो रहा है। पिछले छह माह के दौरान अस्पतालों में ऐसे कई मरीज पहुंचे, जिनमें पहले हार्ट की बीमारी, कोलेस्ट्राल, शुगर और बीपी जैसे कोई लक्षण नहीं थे। विशेषज्ञों ने बताया कि 20 फीसद संक्रमित मरीजों में हार्ट पर खतरा है। मरीजों का डी-डायमर टेस्ट कर रक्त पतला करने की दवाएं दी जा रही हैं। बता दें कि कोविड ठीक होने के बाद भी मरीजों में अटैक का खतरा बना हुआ है।

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धड़कन भी बिगड़ी मिली

मेरठ के हृदय रोग विशेषज्ञों ने बताया कि हार्ट अटैक के कई मरीजों में कोरोना का कोई फीचर नहीं था, जबकि रिपोर्ट पाजिटिव आई। इसमें सभी उम्र वर्ग के लोग शामिल हैं। दो तिहाई मरीजों में तगड़ा अटैक आया, जबकि एक तिहाई में हृदय की धड़कन बिगड़ी हुई मिली। मरीजों की आर्टरी में रक्त जमने की खतरनाक प्रवृत्ति देखी गई है। कई मरीजों में मायोकार्बोटिस यानी दिल की मांसपेशियों में सूजन मिली। उनकी ईसीजी में बदलाव मिला। हार्ट की आर्टरीज की लाइनिंग पर सूजन मिल रहा है। इस पर रासायनिक बदलाव से खून का थक्का बनने लगता है। इसी प्रकार, फेफड़े की रक्त नलिकाओं पर लाइनिंग मिल रही है। रुई की तरह काले धब्बे मिलने से निमोनिया का पता चल रहा है।

हार्ट अटैक का रिस्क मार्कर बढ़ा मिल रहा

कई मरीजों का ट्रापोनिन-आई टेस्ट किया गया, जिसमें कार्डियक बीमारी का मार्कर बढ़ा हुआ मिला। ट्रापोनिन एक प्रोटीन है, जो हार्ट में मांसपेशियों के डैमेज होने पर रिलीज होता है। जांच में इसकी मात्रा ज्यादा मिली। इससे मरीज में हार्ट अटैक के रिस्क का पता चलता है। मेट्रो हार्ट अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. संजीव सक्सेना ने बताया कि कोविड मरीजों की ब्लड जांच की जानी चाहिए। डी-डायमर टेस्ट करने के बाद रिपोर्ट के आधार पर रक्त पतला करने वाली दवाएं दी जा रही हैं। डी-डायमर टेस्ट में रक्त में थक्का बनने की प्रवृत्ति का पता चलता है। मेरठ के मेडिकल कालेज में डी-डायमर टेस्ट की मशीन मंगाई गई है। आनंद अस्पताल डा. संजय जैन ने बताया कि कोविड केंद्र में मरीजों का डी-डायमर टेस्ट किया जा रहा है, जिससे थ्राम्बोसिस यानी हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक के खतरों को कम किया जा सकता है।

इनका कहना है

तीन माह के दौरान हार्ट अटैक के जितने मरीज आए, उसमें से 20-30 फीसद में कोरोना मिला। हैरत की बात ये है कि कोई लक्षण नहीं था, साथ ही शरीर में आक्सीजन भी ठीक थी। मैंने हार्ट अटैक के 18 मरीजों पर स्टडी की, जिसमें 12 में बड़ा अटैक व छह में दिल की धड़कन बिगड़ी थी। ट्रापिनिन आई टेस्ट भी बढ़ा मिला। कोविड मरीजों में ब्लीडिंग का खतरा न हो तो रक्त पतला करने की दवा देनी चाहिए। कोलेस्ट्राल कम करने की स्टैटिन दवा अटैक का रिक्स 50 फीसद घटा रही है।

- डा. संजीव सक्सेना, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ


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