Fight Against 3 Wave of COVID-19: मेरठ में तीन गुने तैयारियों के साथ होगा तीसरी लहर का मुकाबला, जानें- कैसी हो रही व्यवस्था
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने आम जनजीवन को भारी मुसीबत में डाल रखा है। कोविड बेड और आक्सीजन की कमी को लेकर चारों ओर अफरातफरी मची रही जबकि अस्पतालों की संख्या बढ़ाई गई थी। बहरहाल शासन-प्रशासन स्तर पर इससे कई सबक लिए गए।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने आम जनजीवन को भारी मुसीबत में डाल रखा है। कोविड बेड और आक्सीजन की कमी को लेकर चारों ओर अफरातफरी मची रही, जबकि अस्पतालों की संख्या बढ़ाई गई थी। बहरहाल, शासन-प्रशासन स्तर पर इससे कई सबक लिए गए। अब तीसरी लहर आने की आशंका के बीच जिला प्रशासन ने तमाम स्वास्थ्य संसाधनों को बढ़ाने पर जोर लगा दिया है। दर्जनभर नए आक्सीजन प्लांट लगाने के साथ ही गांवों में बने स्वास्थ्य केंद्रों को अपडेट किया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर पहली की तुलना में कई गुना खतरनाक थी, इसीलिए प्रशासन तीसरी लहर आने से पहले कई नए स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड अस्पताल में बदलेगा। मेडिकल कैंपस में बच्चों के लिए सौ बेड की आइसीयू बनाने का काम तेज कर दिया गया है।
सन 2020 की कोरोना लहर में मेडिकल कालेज, सुभारती व एनसीआर मेडिकल कालेज के अलावा छह निजी अस्पतालों को कोविड केंद्र के रूप में संचालित करने की मान्यता दी गई थी। कोरोना संक्रमण काफी हद तक खत्म होने की वजह से मार्च 2021 तक सभी केंद्रों को निरस्त कर दिया गया।
हालांकि इसी वर्ष होली के बाद से देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने लगे। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने के लिए 31 अस्पतालों में कोविड केंद्र खोला। आइसोलेशन एवं आक्सीजनयुक्त बेडों की संख्या बढ़ाई गई। आइसीयू बेड बढ़ाने पर खास जोर दिया गया, लेकिन अचानक आक्सीजन की कमी से हड़कंप मचा।
प्रशासन ने परतापुर क्षेत्र में दो जनरेशन एवं दो फिलिंग प्लांट को तत्काल मान्यता दी। अब 50 बेडों से ज्यादा क्षमता वाले सभी अस्पताल आक्सीजन प्लांट बना रहे हैं। सभी 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक वहीं, मेडिकल कालेज में दो नए आक्सीजन जनरेशन प्लांट बन रहे हैं।
सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने कहा- कोरोना की पहली लहर खत्म होने पर कोविड केंद्रों को निरस्त कर दिया गया था, जिसे दोबारा संक्रमण बढ़ने पर शुरू कर दिया गया। संसाधनों को अब कई गुना कर लिया गया है। 31 अस्पतालों में कोविड वार्ड खोलकर बेडों की संख्या साढ़े तीन हजार कर ली गई है। मेडिकल लैब रोजाना 11 हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच कर रही है। सभी 12 सीएचसी पर आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। बच्चों के लिए नए आइसीयू बनाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य सुविधाएं : तुलनात्मक स्थिति
चिकित्सकीय व्यवस्था एक अप्रैल से पहले ताजी तस्वीर
कोविड अस्पताल 01 31
आइसीयू बेड 140 712
आक्सीजन युक्त बेड 180 1270
वेंटीलेटर युक्त बेड 65 246
आरटीपीसीआर, रोजाना 3000 11000
एंबुलेंस 79 85
आक्सीजन प्लांट 00 20
फिलिंग प्लांट 04 08
(नोट : अब पांच आक्सीजन प्लांट चल रहे हैं जबकि शेष 15 प्लांट पर काम चल रहा है जो 15 दिन में पूरा हो जाएगा)