Festive Season : स्वादिष्ट व्यंजनों को देख ललचाता है जी, इन Fitness Mantra से संभालिए सेहत को Meerut News
Festive Season त्योहारी सीजन में मीठा कम खाएं और तेल में तली हुई सामग्री का अधिक सेवन न करें। नाश्ते में स्प्राउट दलिया बादाम सेव आदि ले सकते हैं।
मेरठ, जेएनएन। Festive Season त्योहार के समय स्वादिष्ट व्यंजनों की ओर बढ़ते हाथों को रोक पाना बहुत मुश्किल होता है। एक-दूसरे से जितना लोग खुशियां बांटते हैं उतना ही खान-पान भी चलता है। इसलिए जरूरी यह है कि स्वयं को थोड़ी छूट दे रहे हैं तो उसके उपचार भी साथ में करें। योग गुरु के अनुसार दीपावली के मौके पर आस-पास की हवा अगर शुद्ध हो तभी प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करें।
इन आसनों से मिलेगा लाभ
श्वास नली को साफ व शुद्ध करने के लिए प्राणायाम में कपालभाति व अनुलोम-विलोम करें। इसके अलावा योग गुरु के मार्गदर्शन में शुद्धि क्रिया में जल नेति, सूत्र नेति आदि कर सकते हैं। इसे षठकर्म कहते हैं। इसके अलावा पवन मुक्तासन, मर्कट आसन, त्रियक ताड़ासन, पूर्ण कटि चक्रासन, त्रियक भुजंगासन से आंत को लाभ मिलता है।
खाना घर का हो तो ही अच्छा
जितना संभव हो साफ-सुथरा घर का ही खाना खाएं। मीठा कम खाएं और तेल में तली हुई सामग्री का अधिक सेवन न करें। नाश्ते में स्प्राउट, दलिया, बादाम, सेव आदि ले सकते हैं। लंच में एक-एक कटोरी दाल व सब्जी, चपाती, सोया पनीर, दही, सलाद का सेवन कर सकते हैं। शाम को फल का जूस व सैंडविच ठीक रहेगा। डिनर में एक चपाती के साथ एक कटोरी दाल या सब्जी, पपीता, और फैट रहित दूध ले सकते हैं। रात में दही बिलकुल न खाएं।
बिगड़ने न दें फिटनेस डाइट
फिटनेस गुरु विजय बहादुर भी मानते हैं त्योहार के समय डाइट को फालो करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। रेगुलर एक्सरसाइज करने वाले अपने तीन कांबिनेशन वाले एक्सरसाइज को जारी रखें। आपके व्यायाम में कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के साथ एब्डोमिनल यानी पेट व उससे संबंधित व्यायाम शामिल होने चाहिए। एक बार में 80 मिनट से अधिक फिटनेस एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।
पीते रहें गुनगुना पानी
योग गुरु पंकज आर्य के अनुसार दीपावली के मौके पर सबसे अधिक असर श्वांस नली और आंतों पर पड़ता है। इसीलिए श्वास व आंत को शुद्ध करने के लिए प्राणायाम, आंतों को ठीक रखने वाले आसन, जलनेति और शुद्धि क्रिया करना लाभकारी होता है। खान-पान में मैदे की सामग्री अधिक होती है। इसलिए गुनगुना पानी पीते रहने से आंतों पर असर कम पड़ता है। गुड़ के सेवन से गले व छाती का बलगम भी निकलता है।