आयुष्मान भारत में फीडबैक घोटाला, मरीज आया नहीं और फार्म भर डाला
आयुष्मान भारत योजना में जिला अस्पताल में फर्जी ढंग से भरे गए दर्जनों मरीजों के संतुष्टि सर्वेक्षण फार्म। मरीज आया ही नहीं, पर उसे दवा मिलने और डिस्चार्ज होने का दावा कर दिया गया।
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। प्रधानमंत्री की 'आयुष्मान भारत' योजना फीडबैक घोटाले का शिकार हो गई है। वह भी सरकारी चिकित्सालय में अधिकारियों की नाक के नीचे। पीएल शर्मा जिला अस्पताल में मरीजों के फीडबैक फार्म फर्जी तरीके से भरकर केंद्र सरकार को भेज दिए गए। गोपनीय रजिस्टर खंगालने पर पता चला कि 'मरीज संतुष्टि सर्वेक्षण' फार्म एडवांस भर दिए गए। फार्म में मरीज का नाम गायब है लेकिन उसे सभी दवा मिलने, चिकित्सक उपलब्ध होने एवं इलाज के लिए सिर्फ 10 मिनट इंतजार करने का दावा कर दिया गया।
जिला अस्पताल में ही छल
'आयुष्मान भारत' योजना के तहत मेरठ में करीब ढाई लाख लोग पंजीकृत हैं। कुल 37 अस्पतालों ने सरकार से एमओयू किया है, जहां अब तक 700 से ज्यादा मरीज भर्ती हो चुके हैं। इसमें जिला अस्पताल में अब तक 116 मरीजों का इलाज किया गया है। यहां दर्जनों मरीजों से बिना पूछे उनके फीडबैक फार्म मनमाने ढंग से भरकर केंद्र सरकार को भेज दिए गए। कई फार्म एडवांस भरकर रख दिए गए हैं, जिसमें मरीजों को पूर्ण संतुष्ट दिखाते हुए चिकित्सा व्यवस्था को उत्तम बताया गया है। इसकी पड़ताल के लिए जब भर्ती मरीजों से बात की गई तो पता चला कि हालात भयावह हैं। यहां हकीकत यह है कि चिकित्सकों को बुलाने के लिए मनुहार करनी पड़ती है। पैरामेडिकल स्टाफ भी जल्द उपलब्ध नहीं होता है।
ऐसे भरा जा रहा रोगी संतुष्टि सर्वेक्षण फार्म
मरीज के लिए प्रश्न अस्पताल ने ऐसे भरा
अस्पताल का नाम पीएल शर्मा जिला अस्पताल
मरीज का नाम रिक्त
आर्थिक स्थिति बीपीएल
घर से अस्पताल की दूरी छह किमी
किसके द्वारा भेजा गया निजी अस्पताल द्वारा
पंजीकरण काउंटर पर कितनी प्रतीक्षा सिर्फ 10 मिनट
अस्पताल में संकेतक कैसे हैं संतोषजनक
डाक्टर का व्यवहार कैसा लगा अच्छा
डाक्टर का चिकित्सकीय परामर्श कैसा लगा अच्छा
क्या अस्पताल में दवाएं मिलीं सभी दवाएं मिलीं
ये है मेरठ की तस्वीर
- 847 मरीज पंजीकृत, 676 अब तक भर्ती
- कुल गोल्डन कार्ड- 5506
- जिला अस्पताल में 116 भर्ती
- अस्पताल नोवा में 142
- केएमसी में अब तक 85
- आनंद अस्पताल में 46
- अजय हास्पिटल में 41
इन्होंने कहा
मरीज से पूछे बिना फीडबैक फार्म कैसे भरा जा सकता है। यह बेहद आपत्तिजनक है। इसकी जांच की जाएगी। यह फार्म केंद्र सरकार को भेजा जाता है। तत्काल जांच होगी।
-डा. पूजा शर्मा, प्रभारी आयुष्मान भारत, मेरठ