मेरठ मंडी परिषद के आनलाइन पोर्टल में खामी, व्यापारियों को हो रही परेशानी
मेरठ में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों ने मंगलवार को मंडी परिषद द्वारा जारी किए जा रहे आदेशों व मंडी पोर्टल से व्यापारियों को आ रही कठिनाईयो के सुधार के लिए मांग पत्र दिया ।
मेरठ, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों ने मंगलवार को मंडी परिषद द्वारा जारी किए जा रहे आदेशों व मंडी पोर्टल से व्यापारियों को आ रही कठिनाईयो के सुधार के लिए मांग पत्र दिया। गढ़ रोड आनंद अस्पताल के पास स्थित मंडी परिषद के उपनिदेशक कार्यालय में 8 सूत्री मांग पत्र सौंपा।
प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने कहा मंडी परिषद द्वारा नए-नए आदेश लागू किए जा रहे हैं जो न तो व्यवहारिक है न ही संवैधानिक है। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में यह मांगे शामिल रही।
1. मंडी समिति का पोर्टल सुचारू रूप से नहीं चलता है जिससे व्यापारियों को व्यापार करने में कठिनाई आ रही है अतः आपसे अनुरोध है कि जब तक पोर्टल सुचारु रुप से चालू हो तथा व्यापारी उस पर काम करना सीख जाए, तब तक के लिए कम से कम 6 माह मंडी के काम के लिए आनलाइन व आफलाइन व्यवस्था जारी रखने मांग की है।
2. अन्य प्रान्तों से आने वाले कृषि उत्पादों पर प्रवेश पर्ची बनाने की मण्डी अधिनियम में व्यवस्था है, परन्तु ई-मण्डी पोर्टल पर प्रवेश पर्ची नहीं बनायी जा रही है। अपितु 6-आर काटकर मण्डी शुल्क वसूल किया जा रहा है, जो मण्डी अधिनियम के प्रतिकूल है। पोर्टल पर अन्य प्रान्तों से आने वाले कृषि उत्पादों की प्रवेश पर्ची काटे जाने की व्यस्था करने के आदेश पारित करने की कृपा करें। जब तक पोर्टल पर प्रवेश पर्ची काटने की व्यवस्था नही हो पाती है, तब तक मैनुअल प्रवेश पर्ची काटे जाने की व्यवस्था करने के आदेश पारित करने कृपा करें।
3. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कृषि उपज दाल-दलहन जो प्रदेश के बाहर से आते है, उससे निर्मित उत्पाद को मण्डी शुल्क से कर मुक्त घोषित किया गया है। आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश के उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए मध्य प्रदेश की भॉति उत्तर प्रदेश में भी प्रदेश के बाहर से आने वाले दाल व दलहन को मण्डी शुल्क से मुक्त किया जाये।
4. आदेश संख्या 256/2001-1385 दिनांक 07.09.2001 के द्वारा प्रदेश से बाहर से आने दलहन को प्रक्रिया उपरान्त प्रदेश से बाहर भेजने पर मण्डी शुल्क एवं विकास सेस से छूट प्रदान की गयी थी। उपरोक्त छूट वर्तमान ई-पोर्टल पर दर्शित नहीं हो रही है।
5. दाल व चावल कृषि उत्पाद न होकर दलहन व धान से मील में प्रोसेस होने के बाद बनाये जाते हैं, जिन्हें मण्डी अधिनियम में निर्दिष्टि सूची से बाहर किया जाये।
6. पूर्व में बिक्री किए जाते समय 9-आर भौतिक रूप से काटे जाते थे, जिसमें सभी खरीद पर क्रेता को एक ही 9-आर जारी किया जाता था, परंतु इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल के माध्यम से जारी किए जा रहे 9-आर प्रत्येक वस्तु के लिए अलग-अलग काटे जा रहे हैं। साफ्टवेयर में सुधार कर सभी प्रकार की जिंसों व रेट के लिए एक ही 9-आर काटे जाने की व्यवस्था पोर्टल पर की जाए तथा पोर्टल में सुधार होने तक मैनुअल व्यवस्था को जारी रखा जाए।
7. 9-आर पोर्टल पर काटे जाने के पश्चात गेट पास की आवश्यकता नहीं है। ऑनलाइन 9-आर काटे जाने से सभी डाटा विभाग के पास पहुच जाता है, इसलिए गेट पास की अनिवार्यता समाप्त की जाये।
8. मण्डी लाइसेंस व रिनुअल की प्रक्रिया अत्यन्तः जटिल है, जिसे सरल किया जाये।