शामली में दोनों मासूमों को मिली बेगुनाही की सजा, आखिर कैसे सुला दिया जिगर के टुकड़ों को मौत की नींद
सवित ने अपने दोनों बेगुनाह बच्चों को क्रूरतम सजा दी है। दोनों बच्चों को शायद यह विश्वास नहीं होगा कि जिस पिता के वह जिगर के टुकड़े थे वही उन्हें मौत की नींद सुला देगा। सवित ने दोनों बच्चों की हत्या करने से पहले अपने कलेजे पर पत्थर रखा होगा।
शामली, आकाश शर्मा। सवित ने अपने दोनों बेगुनाह बच्चों को क्रूरतम सजा दी है। दोनों बच्चों को शायद यह विश्वास नहीं होगा कि जिस पिता के वह जिगर के टुकड़े थे, वही उन्हें मौत की नींद सुला देगा। सवित ने दोनों बच्चों की हत्या करने से पहले अपने कलेजे पर पत्थर रखा होगा। दोनों बच्चे जान बचाने के लिए तड़पे भी होंगे। लेकिन सवित पर गुस्सा और जुनून इस कदर हावी था कि उसने अपने दोनों बेगुनाह बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। छह दिन पहले जब पति-पत्नी की लड़ाई हुई तो पत्नी अपने मायके चली गई। और दोनों बच्चों को सवित के साथ ही छोड़ गई। परिवार में आर्थिक संकट भी था। ऐसी हालत में सवित दोहरा मानसिक दबाव बना। वह अपने दोनों बच्चों को लेकर घर से चला गया और करीब छह दिन तक कशमकश में रहा। और सातवें दिन आखिर उसने मानवता को तपा देने वाला कदम उठाया। जिन बच्चों की खुशी के लिए लोग अपना सबकुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार रहते हैं, उन्हीं बच्चों को सवित ने दुर्दांत तरीके से मौत के आगोश में धकेल दिया। आखिर, दोनों बच्चे चिल्लाए भी होंगे। मदद की गुहार भी लगाई होगी और अपनी जान बचाने की कोशिश भी होगी। लेकिन परिणाम बता रहा है कि सवित पूरी तरह अंधा हो चुका था और पत्नी से विवाद में इस कदर बौखला गया कि उसे अपने निर्दोष बच्चों की जान भी नजर नहीं आई। और परिवार की समस्या का हल उसे दोनों बच्चों की हत्या के बाद अपना जीवन मिटाना ही लगा।
साल 2013 में सात फेरे लेते हुए पूरी जिंदगी एक-दूसरे का साथ निभाने का वायदा करने वाले सवित और पेरिस के बीच शादी के कुछ साल बाद ही मामूली बातों को लेकर विवाद शुरू हो गया था। कई बार परिवार में भाई-भाभी ने मामला सुलझा दिया। सवित ने करीब चाल साल पूर्व अलग मकान बनाकर रहने का सोचा और रहने भी लगे। कुछ दिनों तक तो दंपती के बीच कोई बात नहीं हुई, लेकिन फिर प्यार को किसी की नजर लग गई और विवाद इतना बड़ा हो गया कि चार माह पूर्व सवित ने नशीले पदार्थ का सेवन कर लिया। हालांकि ईश्वर का रहम रहा कि सवित की मौत नहीं हुई।
आखिर पांच दिनों तक कहा रहे तीनों
सवित दोनों बच्चों का लेकर 29 नवंबर को घर से निकल गया था, लेकिन पांच दिनों तक उसका कोई पता नहीं था, शनिवार की दोपहर करीब पुलिस को सूचना मिली और सवित और उसके दोनों बच्चों के शव बरामद हुए। अखिर पांच दिनों तक सवित और उसके दोनों बच्चे कहा रहे इसकी कोई जानकारी अभी तक नहीं मिल पा रही है।
झिंझाना में ही क्यों की यह घटना
मृतक के भाई ने बताया कि झिंझाना में उनका कोई खास रिश्तेदार तो नहीं है, फिर सवाल उठता हे कि अखिर गांव कुड़ाना से 20 किलोमिटर दूर झिंझाना के जंगलों में जाकर उसने अपने बच्चों और खुद की जिंदगी को क्यों खत्म किया। ऐसे तमाम बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है।
क्या कहते हैं मनौवैज्ञानिक...
आपसी समझ में कमी होने के कारण शादी के बाद रिश्तों में कड़वाहट बढ़ने की समस्या विकराल न हो, इसलिए कपल काउंसलिंग की जरूरत है। यदि पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो जाए तो उनकी मनोवैज्ञानिक काउंसिलिंग करानी चाहिए।
-अरुणिमा मिश्रा, मनोवैज्ञानिक