बुलंदशहर में बलिदानी राम की याद में पिता ने बनवाया मंदिर, राष्ट्रीय ध्वज को मंदिर परिसर में सर्वोच्च स्थान
बुलंदशहर के जुगसाना गांव निवासी हरिशचंद्र ने शहीद बेटे की याद में गांव में ही मंदिर बनवाया है। हरिशचंद्र के परिवार की रगों में देश रक्षा का जुनून दौड़ता है। 1971 में भारत-पाक युद्ध में वीरता दिखाने पर वह वीर चक्र से सम्मनित हुए। बड़ा बेटा कारगिल में हुआ शहीद।
बुलंदशहर, [राजू मलिक]। सरहद की सुरक्षा के लिए जान पर खेलना बुलंदशहर के वीरों के लिए कोई नई बात नहीं है। यहां घर-घर में ऐसी कहानियां मौजूद हैं जो आने वाली पीढि़यों के लिए स्वर्णिम गाथा होंगी। ऐसी ही एक कहानी जहांगीराबाद के गांव जुगसाना में भी युवाओं के लिए प्रेरणा पुंज बनी है। इस गांव का निवासी पूरा परिवार ही देश सेवा के लिए खुद को समर्पित कर चुका है। पिता ने जहां 1971 में अपनी अदम्य साहस का परिचय देते हुए वीर चक्र से सम्मनित हुए, वहीं बड़ा बेटा आतंकियों का सफाया करते हुए शहीद हो गया। अब छोटा बेटा भी देश की रक्षा के लिए सीमा पर सीना तान कर खड़े हैं।
गांव जुगासाना निवासी निवासी हरिशचंद्र चार दशक पहले देश सेवा के लिए जाट रेजिमेंट में भर्ती हुए और मेजर के पद पर रहते हुए वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध में अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मन को हथियार डालने पर मजबूर किया। उनकी इसी वीरता के लिए तत्कालीन महामहिम राष्ट्रपति उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया। तत्कालीन थल सेनाध्यक्ष जनरल मानेक शा ने भी युद्ध के दौरान रणनीतिक कौशल की प्रशंसा की थी। इसके बाद तत्कालीन थल सेनाध्यक्ष ने चीफ आफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड से भी सम्मानित किया। पिता से मिली वीरता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए हरिशचंद्र के बडे़ बेटे राम शर्मा भी राजपुताना राइफल्स में लेफ्टिनेंट कर्नल बने और काश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान में आतंकवादियों की गोली से घायल हुए। छह माह अस्प्ताल में रहने के बाद 11 फरवरी 2010 को शहीद हो गए। पिता और भाई की तरह ही छोटा बेटा श्याम शर्मा ने भी सेना को ही करियर के रूप में चुना और वर्तमान में लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में सैन्य सेवारत हैं।
राम की याद में बनाया मंदिर
गांव जुगसाना की मिटटी से पैदा हुए शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राम शर्मा की स्मृति में गांव में श्री राम जी मंदिर का निर्माण करवाया गया है। शनिवार को मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया और शहीद की यादों को मंदिर में संजोया गया। साथ ही बंदे मातरम और देश भक्ति के तरानों से शिवालय गूंजायमान रहा। मंदिर परिसर में राष्ट्रीय ध्वज का सर्वोच्च स्थान दिया गया है।
गांव को है परिवार पर गर्व
जुगसाना निवासी वीर चक्र से सम्मानित हरिशचंद्र के परिवार पर पूरे गांव को गर्व है। इसी परिवार से प्रेरणा लेकर तमाम युवा सेना में भर्ती हुए और कुछ भर्ती होने के लिए हर पसीना बहा रहे हैं।
देश सेवा में परिवार
बड़े पुत्र : राम शर्मा, कमिशंड अफसर राजपुताना राइफल्स व लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक काश्मीर आतंकवाद रोधी अभियान में शहीद।
छोटे पुत्र : श्याम शर्मा, लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक
पुत्री : अनुपमा आर्मी पब्लिक स्कूल टीचर
दामाद : राजेश नौटियाल कर्नल रैंक से सेवानिवृत्त।