मेरठ में कब्जा लेने पहुंचे एनएचएआइ के अधिकारियों को घेरा, एनएच-119 के किसानों का हंगामा
Farmers uproar in Meerut एनएच-119 पर कब्जा लेने पहुंचे एनएचएआइ के अधिकारियों को किसानों ने विरोध करते हुए घेर लिया। किसानों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने मुआवजा वितरण में उनके साथ न्याय नहीं किया है।
मेरठ, जेएनएन। एनएच-119 पर कब्जा लेने पहुंचे एनएचएआइ के अधिकारियों को किसानों ने विरोध करते हुए घेर लिया। किसानों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने मुआवजा वितरण में उनके साथ न्याय नहीं किया है। शहरी क्षेत्र में होने के बावजूद उन्हें जान-बूझकर कृषि भूमि के आधार पर अवार्ड दिया जा रहा है। किसानों के उग्र रूख को देखते हुए एनएचएआइ अधिकारियों ने पुलिस बल की सहायता ली, लेकिन कार्रवाई के लिए आगे नहीं बढ़ पाए। बाद में किसानों ने एसडीएम से वार्ता करने के लिए समय मांग लिया। एसडीएम से वार्ता होने तक कार्रवाई को रोक दिया गया है। किसानों में रविंद्र सिवाच, आशीष चौधरी, केपी सिंह, सर्वेश, प्रवेश, प्रवीन, पवन, हरपाल सिंह, सुभाष, प्रमोद व सतबीर आदि मौजूद रहे।
भूमि अर्जन अधिनियम के तहत मुआवजे की मांग
किसानों का नेतृत्व कर रहे आशीष चौधरी, रविंद्र सिवाच व केपी सिंह आदि ने बताया कि अपर जिलाधिकारी ने भूमि अर्जन अधिनियम 2013 के तहत मुआवजा नहीं तैयार किया है। किसी भी आपत्ति को नियमानुसार निस्तारण नहीं किया गया। बिना नोटिस दिए मनमाने तरीके से किसानों की आपत्तियों का निस्तारण कर दिया गया। मंगलवार को रजपुरा पेट्रोल पंप पर एनएचएआइ के अधिकारियों के साथ तहसील की टीम भी साथ रही। रजपुरा पेट्रोल पंप पर जेसीबी पहुंचते ही किसानों ने विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
सर्किल रेट 16 हजार, मुआवजा मिल रहा 15612 रुपये
किसानों ने आरोप लगाया कि गंगानगर क्षेत्र में रजपुरा पेट्रोल पंप, हास्टल, जेपी कालेज, ट्रांसलेम, एमआइईटी, नारायण फार्म हाउस व सैकड़ों प्रतिष्ठान ऐसे हैं। जो एमडीए के अनुसार व्यवसायिक गतिविधि के अंतर्गत आते हैं। लेकिन इन प्रतिष्ठानों को भी कृषि भूमि के आधार पर अवार्ड घोषित किया जा रहा है। सर्किल रेट 16 हजार रुपये है, जबकि मुआवजा वितरण धनराशि 15612 रुपये की दर से दी जा रही है। वहीं, छोटा मवाना, सैफपुर व फिरोजपुर आदि कई ऐसे गांव हैं जो मेरठ मुख्यालय से 30 किमी दूरी पर स्थित हैं। लेकिन बावजूद इसके उन्हें बाजार मूल्य से अधिक मुआवजा दिया जा रहा है।