‘आएगा जब वोट मांगने, लाठी मार भगावेंगे’
भाकियू की किसान क्रांति यात्रा के दौरान किसानों में उर्जा का संचार करने के लिए गीतों का सहारा लिया जा रहा है। किसानों के लिए प्रेरक गीत तैयार किए गए हैं।
मेरठ (जेएनएन)। बाबा जी टिकैत तेरे बिना बर्बाद आज किसान हुआ’, ‘किसान क्रांति यात्रा से सोई सरकार जगावेगें’ कुछ ऐसे ही जोश भरे देशी गीतों और रागनी के साथ भाकियू की किसान क्रांति यात्र दिल्ली के लिए पदयात्रा कर रही है। यात्रा से पहले करीब एक दर्जन से अधिक विशेष गीत और रागनी तैयार कराए गए। हर गीत और रागनी में भाकियू का गुणगान के साथ सरकार पर भी संगीतमय शब्दों के साथ हमला बोला है।
रिकार्ड तैयार किया
किसान क्रांति यात्रा में शामिल किसानों में जोश भरने के लिए हर स्तर पर तैयारी की गई। यात्रा से पहले ही पश्चिम की खड़ी बोली में देशी गीत और रागनी का पूरा रिकार्ड तैयार कराया गया। यात्रा के दौरान बजाए जाने वाले इन गीतों को बजाने के लिए सभी ट्रैक्टर और अन्य वाहनों में अलग से म्यूजिक सिस्टम भी लगाया गया है। गीतों को तैयार कराने में किसानों की पसंद और वर्तमान समस्याओं पर पूरा ध्यान दिया गया है। यात्रा का शुभारंभ ‘किसान क्रांति यात्रा से सोई सरकार जगावेगें’ गीत से होता है। वहीं, किसानों में जोश भरने के लिए ‘बच्चों तक का पेट भरे, कैसे अन्नदाता को भुला दिया’ को भी बार-बार बजाया जाता है।
थिरक रहे किसान
भाकियू पदाधिकारी के अनुसार किसानों की पसंद, यात्रा के दौरान किसानों का मनोरंजन, संगठन के विचार, बाबा टिकैत की कुर्बानी की कहानी, सरकार को जगाने और चेतावनी देने को लेकर गीत-रागनी तैयार कराए गए हैं। उधर, तेज आवाज में बज रहे इन गीतों का किसान भी जमकर लुत्फ लेते नजर आए। कई बुजुर्ग किसान भी ठुमके दिखे।
शब्दमाला में किसान की पीड़ा
‘बिजली बिल तूने बढ़ा दिए अब कैसे आगे बढ़ैगा किसान’ गीत में सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की बिजली बिल वृद्धि की बात कही गई है। ‘किसान आत्महत्या कर रहा अब तो सुन लें ओ सोई सरकार’ के साथ ‘इबकै धोखा खा चुके तुङो चुनाव में मजा चखावैंगे, आएगा जब वोट मांगने लाठी मार भगावैंगे’ रागनी में सरकार पर सीधा निशाना साधा है। इसके अलावा किसानों को सबसे अधिक पसंद ‘जब हाथ में लाठी ठावैंगे, तब नया तमाशा हो जावैगा’ गीत यात्रा में बज रहा है। इस गीत के माध्यम से सरकार को लाठी के द्वारा सीधा करने की चेतावनी दी गई है।