पंजीकरण छोड़िए... गांव के नाम तक सूची से गायब, गेहूं क्रय केंद्र पर नियमों के फेर में फंसे किसान Meerut News
मेरठ के खरखौदा संघ के क्रय केंद्र पर गेहूं बिक्री करने पहुंचे खानपुर निवासी किसान अरविंद को गांव का नाम सूची में न मिलने पर वापस लौटना पड़ा। किसानों का कहना है कि तीन दिन से वेबसाइट बंद होने के कारण पंजीकरण नहीं हो पा रहेे हैंं।
मेरठ, जेएनएन। एकतरफ केंद्र सरकार का नए कृषि कानून के चलते देश के किसी भी हिस्से में अपनी फसल बेचने का दावा है, लेकिन दूसरी तरफ यूपी सरकार ने गेहूं ब्रिकी के नए नियम बनाकर एक ही क्रय केंद्र पर खरीद करने के आदेश दिए हैं। इन नियमों के फेर में किसानों को तमाम समस्याएं आ रही हैं।
शुक्रवार को खरखौदा संघ के क्रय केंद्र पर गेहूं बिक्री करने पहुंचे खानपुर निवासी किसान अरविंद को गांव का नाम सूची में न मिलने पर वापस लौटना पड़ा। किसानों का कहना है कि तीन दिन से वेबसाइट बंद होने के कारण पंजीकरण नहीं हो पा रही है। किसान सुबह से इंतजार करने के बाद वापस लौटने को विवश हुए। वहीं, किसानों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उनके गेहूं की ब्रिकी के लिए कौन सा क्रय केंद्र चयनित हुआ है। वहीं, कुछ गांवों को दो से अधिक क्रय केंद्रों से जोड़ दिया गया है। कुछ गांवों का नाम सूची में शामिल नहीं है। नई नीति को लेकर किसानों में आक्रोश है। वहीं, एडीओ सहकारिता दिनेश त्यागी ने किसानों से कहा उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन कर कार्य किया जा रहा।
इन गांवों को क्रय केंद्रों से जोड़ा गया
खरखौदा मोहिउद्दीनपुर रोड पर गोदाम पर बने क्रय केंद्र पर चंदपुरा, नंगलापातु, खरखौदा, छतरी, गो¨वदपुरी, खड़खड़ी जोड़े गए हैं, वहीं खरखौदा सहकारी संघ पर बने क्रय केंद्र पर अतराड़ा, रजपुरा, लोटी, अटोला, पांची, कूड़ी, कबट्टा, कैली, धीरखेड़ा, धंतला जुड़े हैं। बिजौली के क्रय केंद्र पर पीपलीखेड़ा, बिजौली, गो¨वदपुरी, खरखौदा, नालपुर, छतरी, खड़खड़ी, कौल आड़ जोड़े गए हैं। वहीं, कैली के क्रय केंद्र पर कैली, पांची, उलधन, कूड़ी, बमनपुरा, सरावा जोगीपुरा, दस्तोई, दादरी, धीरखेड़ा, कबट्टा, अतराड़ा, खासपुर बधौली, नंगोला को जोड़ा गया है।
इन गांवों का नाम सूची में नहीं
ब्लाक खरखौदा के गांव सेतकुआं, धनौटा, खंदावली, नया गांव, खासपुर, और बहरानपुर गांव का नाम गेहूं क्रय केंद्र की ब्लाक स्तरीय सूची में शामिल नहीं है। तथा किसान बैरंग लौट रहे हैं।
इन्होंने कहा
पंजीकरण की लखनऊ में शिकायत की गई है। एक गांव एक क्रय केंद्र से ही जुड़ेगा। सरकार के आदेश का पालन कर नई व्यवस्था प्रणाली लागू की गई है। सूची को संशोधित कर दिया गया है। जल्द ही गेहूं तोल में सुधार किया जाएगा।
सतेंद्र सिंह, जिला खाद्य विपणन अधिकारी
नई गेहूं खरीद के लिए बनाए गए नियमों से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कृषि कानून बनाकर पूरे देश में फसल बेचने वाले सरकार के दावे हवाई साबित हो रहे है। किसानों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है।
राजीव अधाना, वेस्ट यूपी अध्यक्ष भाकियु भानू
एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की सरकारी खरीद
मेरठ : एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है। जिले में अभी तक 15 क्रय केंद्रों पर 30 किसानों से 2696 कुंतल की सरकारी गेहूं खरीद हुई है। अभी तक गेहूं बेचने के लिए 632 किसानों ने पंजीकरण कराया है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को माछरा क्रय केंद्र पर गेहूं खरीद शुरू हो गई। सोमवार से किसानों को भुगतान शुरू हो जाएगा। संभागीय खाद्य नियंत्रक मेरठ मृदुल चौधरी ने बताया कि शासन से गेहूं का लक्ष्य निर्धारित नहीं हुआ है। 100 कुंतल तक गेहूं बेचने वाले किसानों के लिए पंजीकरण जरूरी है। केंद्रों पर सैनिटाइजर, पल्स आक्सीमीटर की भी व्यवस्था है।