मेरठ में शंकराचार्य स्वरूपानंद ने कहा- किसान अगर नहीं चाहते तो कृषि कानून वापस ले लेना चाहिए
ज्योतिष पीठाधिश्वर स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि सरकार जनता की प्रतिनिधि है अभिभावक नहीं। सम्राट पैलेस स्थित राजराजेश्वरी मंदिर के परिसर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि किसानों को लगता है कि कृषि कानून उनके हित में नहीं है तो सरकार जबरदस्ती क्यों कर रही है।
मेरठ, जेएनएन। ज्योतिष पीठाधिश्वर स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि सरकार जनता की प्रतिनिधि है अभिभावक नहीं। सम्राट पैलेस स्थित राजराजेश्वरी मंदिर के परिसर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि किसानों को लगता है कि कृषि कानून उनके हित में नहीं है तो सरकार जबरदस्ती क्यों कर रही है। किसान नाबालिग नहीं हैं सरकार को उनका अभिभावक बनने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
हरिद्वार में कुंभ में भाग लेने जा रहे शंकराचार्य ने कहा कि स्नान करने आने वालों से कोरोना का सर्टिफिकेट मांगना सही नहीं है। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को स्नान के लिए नहीं आना चाहिए। शंकाराचार्य ने कहा कि गंगा पर बांध बनाने से उसकी निर्मलता प्रभावित हो रही है। शंकाराचार्य ने कहा कि मुगल शासन काल में जिन शहरों के नाम बदले गए थे ऐसे पौराणिक शहरों के नाम बदलने की प्रक्रिया एक साथ होनी चाहिए। उन्होंने जोड़ा कि नया नाम किसी राजनीतिक व्यक्ति के नाम पर नहीं होना चाहिए।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर विहिप अपना कार्यालय बना रही है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत का सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो का हवाला दिया जिसमें वह कह रहे हैं कि राम को हम भगवान नहीं महापुरुष मानते हैं अयोध्या में हम उनका स्मारक बनाना चाहते है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का नहीं राम लला का मंदिर बनना चाहिए। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए बने पूर्व ट्रस्ट को दरकिनार करने पर आपत्ति जतायी कहा इस ट्रस्ट में चारो शंकाराचार्य और देश के महत्वपूर्ण लोग शामिल थे।