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कोरोना पर भारी पड़ी आस्था, मेरठ में लोगों ने गंगा में किया दीपदान Meerut News

मेरठ में भले ही प्रशासन ने मखदूमपुर गंगा मेला निरस्त कर दिया हो साथ ही दीपदान पर भी पाबंदी लगा दी। इसके बावजूद भी लोगों की आस्था कम नही हुई और वे पुलिस की लुकाछिपी के साथ गंगा घाट पर पहुंचे और दीपदान किया।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:30 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:30 PM (IST)
कोरोना पर भारी पड़ी आस्था, मेरठ में लोगों ने गंगा में किया दीपदान Meerut News
मेरठ में गंगा घाट पर लोगों ने दीपदान किया।

मेरठ,जेएनएन। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखकर भले ही प्रशासन ने मखदूमपुर गंगा मेला निरस्त कर दिया हो साथ ही दीपदान पर भी पाबंदी लगा दी। इसके बावजूद भी लोगों की आस्था कम नही हुई और वे पुलिस की लुकाछिपी के साथ गंगा घाट पर पहुंचे और दीपदान किया। वहीं डीएम ने भी मखदूमपुर गंगा घाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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मखदूमपुर गंगा मेला ऐतिहासिक है और लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा तट पर उमड़ती थी। लोग कई माह पूर्व से ही मखदूमपुर मेले की तैयारियां प्रारंभ कर देते थे। इस बार यह मेला कोरोना की भेंट चढ़ गया। प्रशासन ने कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के साथ साथ दीपदान करने पर भी पाबंदी लगा दी। श्रद्धालुओं को गंगा तट तक पहुंचने से रोकने के लिए गंगा मार्गो पर बैरियर लगाकर पुलिस फोर्स तैनात कर दी। जिससे लोगों में संशय की स्थिति रही। परंतु लोगों की आस्था प्रशासन की सख्ती पर भारी पड़ी और लोग खेतों व अन्य मार्गो से होते ही गंगा घाट तक पहुंच ही गए। श्रद्धालुओं ने वैदिक रीति रिवाजों से दीपदान किया और अपने स्वजनों की आत्मा की शांति के लिए कामना की। हालांकि बीच बीच में पुलिस भी श्रद्धालुओं पर लाठी फटकारती नजर आई।

डीएम ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा

जिलाधिकारी के बालाजी ने रविवार की दोपहर मखदूमपुर गंगा घाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और एसडीएम सरधना अमित कुमार भारतीय व तहसीलदार मवाना अजय उपाध्याय को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। वहीं गंगा तट पर एसडीएम, तहसीलकर्मी व पीएसी फ्लड भी तैनात रही।

गन्ने के खेत से हुई दुकानदारी, मनचाहा दाम वसूला

वहीं गंगा किनारे दुकानदारों ने भी मिट्टी के दिए व आसन का मनमाना दाम वसूला। दुकानदार पुलिस के डर से अपना बिक्री का सामान लेकर गन्ने के खेतों घुसे रहे। जब पुलिस चली जाती तभी दुकानदार अपना सामान बाहर निकाल लेते। अधिकांश लोग प्रसाद आदि की व्यवस्था अपने घरों से ही कर लाए थे। इसी बीच श्रद्धालुओं को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ा।

धर्म कर्म के साथ लोगों के व्यापार पर भी चोट

मेले में दुकान लगाने वाले या चोरी छिपे सामान बेचने वाले लोगों से वार्ता की गई। उन्होंने बताया कि इस बार तो उनकी कमर ही टूट गई है। पहले कांवड मेला, फिर दशहरा इसके बाद गंगा स्नान का मेला भी नही लगा। जिससे उनके परिवार पर आर्थिक संकट मंडरा गया है। मेले में दुकान लगाकर ही उनके परिवार का पालन पोषण करते थे तथा वर्ष भर इन्हीं मेलों के अनुसार दुकानें लगाकर अपनी रोजी कमाते थे। कोरोना धर्म, कर्म के साथ व्यापार भी चौपट कर गया है।

लोगों ने नहर में किया दीपदान

जब पुलिस ने बूढ़ी गंगा पर दीपदान करने पर सख्ती की तो लोगों ने मध्य गंग नहर में ही दीपदान करना प्रारंभ कर दिया और देखते ही देखते काफी श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र हो गई। बूढ़ी गंगा तक जाने के लिए वाहन ले जाने के लिए कई बार लोगों की पुलिस ने नोंकझोंक भी हुई। परंतु लोग नहर में ही दीपदान कर लौट गए। 


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