टूटेगी नौ दशक पुरानी परंपरा, मेरठ मखदूमपुर गंगा मेला समेत बूढ़ी गंगा व जैन मंदिरों में भी नहीं लगेगा मेला
कोविड-19 के चलते कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मखदूमपुर गंगा घाट जैन मंदिर व बूढ़ी गंगा मेले का आयोजन नहींं हो सकेगा। इस संबंध में एसडीएम मवाना व पुलिस क्षेत्राधिकारी ने थाना पर जैन मंदिरों के प्रबंधकों की बैठक आहूत की।
मेरठ, जेएनएन। कोविड-19 के चलते कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मखदूमपुर गंगा घाट, जैन मंदिर व बूढ़ी गंगा मेले का आयोजन नहींं हो सकेगा। इस संबंध में एसडीएम मवाना व पुलिस क्षेत्राधिकारी ने थाना पर जैन मंदिरों के प्रबंधकों की बैठक आहूत की। जिसमें सभी को मेला आयोजित न करने की सलाह दी है।
प्रत्येक वर्ष मखदूमपुर गंगा घाट पर विशाल मेला आयोजित होता है। जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगा घाट पर पहुंचकर अपना डेरा जमाते है। कई दिनों तक गंगा किनारे तंबुओं की नगरी बसी रहती थी। कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर हजारों लोग पितरों की आत्मा की शांति के लिए दीपदान व पिंडदान करने के लिए भी पहुंचते थे। परंतु इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मेला आयोजित नही होगा और गंगा घाट सूना रहेगा। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने दीपदान करने वाले लोगों से भी घरों में ही पूजा अर्चना कर अपने पितरों की आत्मा की शांति की कामना करें। इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी शनिवार को प्रेस नोट जारी कर मेला न आयोजित होने की बात कही थी। रविवार को एसडीएम मवाना कमलेश कुमार गोयल व सीओ मवाना उदय प्रताप सिंह ने थाना पहुंचे और जैन मंदिरों प्रबंधकों के साथ बैठक की। एसडीएम ने कहा कि किसी भी हाल में मेले का आयोजन नही होने दिया जाएगा। जिस पर सभी प्रबंधकों ने सहमति जताई। सीओ ने कहा कि प्वाइंट चिन्हित कर वहां पुलिस तैनात की जाएगी और किसी भी श्रद्धालु को गंगा किनारे तक नही पहुंचने दिया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गई है। बैठक में मुकेश कुमार जैन, तेजपाल सिंह, उमेश जैन आदि रहे।
टूटेगी नौ दशक पुरानी परंपरा
मखदूमपुर गंगा घाट पर वर्ष 1929 से कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेला आयोजित होता आ रहा था। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते नौ दशक पुरानी परंपरा भी टूट जाएगी और पहली बार कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा घाट सूने रहेंगे।