मेरठ में बदल गई है अस्पतालों की सूरत, तब बेड नहीं मिलता था, अब मरीज नहीं मिलते Meerut News
Meerut में कोरोना का कहर ऐसा थमा कि कोविड केंद्रों में सन्नाटा पसर गया है। मई से नवंबर तक कोविड केंद्रों में बेड नहीं मिल रहे थे वहीं अब मरीज नहीं मिल रहे। डेढ़ हजार से ज्यादा बेडों वाले जिले में मरीजों की संख्या 50 से कम रह गई है।
मेरठ, जेएनएन। जिले में कोरोना का कहर ऐसा थमा कि कोविड केंद्रों में सन्नाटा पसर गया है। मई से नवंबर तक जहां कोविड केंद्रों में बेड नहीं मिल रहे थे, वहीं अब मरीज खोजे नहीं मिल रहे हैं। डेढ़ हजार से ज्यादा बेडों वाले जिले में भर्ती मरीजों की संख्या 50 से भी कम रह गई है। सिर्फ सुभारती मेडिकल कालेज में मरीजों की संख्या दहाई तक यानी 11 है। निजी केंद्रों में ज्यादातर बंद हो गए हैं।
मेडिकल कालेज में जहां 160 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते थे, वहां अब महज सात रह गए हैं। गत बीस दिनों से रोजाना मिलने वाले मरीजों की दर एक फीसद से कम रह गई है। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में भर्ती सात में चार मरीज आइसीयू और चार आइसोलेशन में हैं। ख्रखौदा स्थित एनसीआर मेडिकल कालेज में मरीजों की संख्या महज दो है। सीएमओ डा. अखिलेश ने बताया कि आनंद अस्पताल में आठ, मिलिट्री अस्पताल में पांच हैं। न्यूटीमा, आइआइएमटी, लोकप्रिय, संतोष अस्पताल गिने चुने मरीज रह गए हैं, या कई में वार्ड में एक भी मरीज नहीं हैं। मरीजों की मौत पर तकरीबन नियंत्रण लग चुका है।
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि सप्ताह में तीस से ज्यादा मौतें होती थीं, जो अब दो से तीन रह गइ है। एल-3 केंद्र होने की वजह से यहां पर गंभीर अवस्था में मरीज पहुंचते हैं, जिससे मौत की दर बनी हुई है। लेकिन पहले की तुलना में काफी सुधार है। वहीं, निजी केंद्रों में मरीज न होने की वजह से नान कोविड सेवाएं तेजी से शुरू की जा रही हैं। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि अब सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक में छह आपरेशन थिएटर और न्यूरो, बर्न, व कार्डियक ओपीडी व इलाज शुरू किया जा रहा है।