Jewar Airport : जेवर एयरपोर्ट से बढ़ेगा सहारनपुर के काष्ठ उत्पादों का निर्यात, यह समस्या हो जाएगी हल
Jewar Airport सहारनपुर के वुडकार्विंग निर्यातकों का कहना है कि अभी तक निर्यातकों को अपना माल कंटेनर या दिल्ली एयरपोर्ट के माध्यम से विदेश भेजना पड़ता है। इसके लिए कई दिन इंतजार करना पड़ता है मगर जेवर एयरपोर्ट के बाद बहुत आसानी हो जाएगी।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधारशिला रखी। पीएम ने अपने भाषण में सहारनपुर का जिक्र करते हुए कहा कि जेवर एयरपोर्ट बनने से सहारनपुर की विश्व प्रसिद्ध वुडकार्विंग इंडस्ट्री को भी निर्यात में लाभ होगा। इसे लेकर सहारनपुर के काष्ठ कारोबारियों में खुशी की लहर है। इनका कहना है कि इस एयरपोर्ट के बनने से सभी तरह की इंडस्ट्री का विकास होगा, निर्यात बढेगा। रोजगार के ज्यादा अवसर प्राप्त होंगे। ग्रेटर नोएडा में बनने वाले जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से दिल्ली हवाई अडडे का भार कम होगा और जेवर एक अहम कनेक्टिविटी के तौर पर उभरेगा। इसका लाभ पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को होगा।
एयरपोर्ट से निर्यातकों की बड़ी समस्या हो जाएगी हल
आइआइए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वुडकार्विंग निर्यातक रामजी सुनेजा का कहना है कि जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से नोएडा, मेरठ, सहारनपुर समेत आसपास के जनपदों के उद्योगों को लाभ होगा। जिस जगह एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है, एक्सपो मार्ट वहां से दस किलोमीटर की दूरी पर है और उसके चारों और औद्योगिक हब है। इससे उद्यमियों को अपना माल बाहर भेजने के लिए अब ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसी क्रम में सीआइएस के अध्यक्ष एवं वुडकार्विंग निर्यातक रविंद्र मिगलानी का कहना है कि कनेक्टिविटी जितना ज्यादा होगी, उद्योगों को उतना ही लाभ होगा। अभी तक निर्यातकों को अपना माल कंटेनर या दिल्ली एयरपोर्ट के माध्यम से विदेश भेजना पड़ता था। कंटेनर के लिए उद्यमियों को कई दिन इंतजार करना पड़ता है, मगर जेवर में बनने वाले एयरपोर्ट के बाद निर्यातकों की एक बड़ी समस्या का हल हो जाएगा।
एक्सपो मार्ट ग्रेटर नोएडा से मात्र दस मिनट में पहुंचे सकेंगे जेवर एयरपोर्ट
वुडकार्विंग निर्यातक परविंदर सिंह बताते हैं कि जेवर एयरपोर्ट से ट्रांसपोटेशन आसान हो जाएगा। एयरकार्गो हब बनने से किसी भी उद्योग से जुड़े उद्यमियों को इसका लाभ होगा। हमारा एक्सपो मार्ट भी ग्रेटर नोएडा में ही है और वहां से जेवर एयरपोर्ट की दूरी मुश्किल से दस मिनट की होगी, जबकि दिल्ली एयरपोर्ट जाने में दो से ढाई घंटे लग जाते हैं। अभी तक बड़े सामान समुद्री जहाज से भेजे जाते रहे हैं जबकि छोटे सामान कार्गो से। वुडकार्विंग के बड़े निर्यातक औसाफ गुड्डू का कहना है कि सहारनपुर से वुडकार्विंग का फर्नीचर व अन्य सजावटी सामान ज्यादातर कंटेनर के माध्यम से शिप तक पहुंचता रहा है। इससे कई बार समय से कंटेनर उपलब्ध न होने के कारण आर्डर निरस्त भी होते रहे हैं। जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से न केवल वुडकार्विंग से जुड़े निर्यातकों को लाभ होगा, बल्कि माल भी विदेश समय से पहुंचाया जा सकेगा।
1000 करोड़ के निर्यात कारोबार को लगेंगे पंख
जेवर एयपोर्ट बनने से निश्चित तौर पर सहारनपुर के काष्ठ उत्पादों को भी निर्यात का नया ट्रैक मिलेगा। सहारनपुर निर्यात का बड़ा केंद्र है, यहां के नक्काशीदार काष्ठ उत्पादों की वियतनाम, चीन, कंबोडिया, थाईलैंड और फिलीपींस आदि देशों के काष्ठ उत्पादों से खासी प्रतिद्वंद्विता है। निर्यात की राह आसान होने से प्रतिद्वंद्विता दे पाना भी आसान हो जाएगा। सहारनपुर से करीब एक हजार करोड़ के हस्तशिल्प उत्पादों का निर्यात होता है। इस उद्योग से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर लगभग 1.50 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। कच्चा माल प्राप्त करने से लेकर तैयार माल पोर्ट तक पहुंचाने में खर्च अधिक आने से उत्पाद की कीमत बढ जाती है।
सहारनपुर से जेवर पहुंचना होगा आसान
जेवर पश्चिम उप्र में ही है, सहारनपुर से जेवर की दूरी अधिक नहीं है। सड़कों का बड़ा जाल यहां फैला हुआ है। सहारनपुर से दिल्ली-देहरादून हाईवे तथा ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे के जरिए जेवर पहुंचना काफी आसान होगा। इससे उत्पाद को आसानी से जेवर तक पहुंचाया जा सकेगा। पेट्रोलियम पदार्थ महंगा होने से सड़क परिवहन भाड़ा 30 प्रतिशत तक बढ़ा चल रहा है। ऐसे में हवाई ट्रांसपोर्ट के जरिए भाड़ा कम लगेगा। सहारनपुर से खासकर निर्यात अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली, डेनमार्क, स्वीडन, स्विटजरलैंड, नीदरलैंड, दुबई, यूएई, सऊदी अरब आदि देशों में होता है। जेवर हवाई अड़्डे से काफी राहत निर्यातकों को मिलने जा रही है।