डकैतों की तलाश में खंगाला पउप्र, नतीजा शून्य
सीओ सिविल लाइन कार्यालय के पास हुई डकैती के आरोपित तो दूर, पुलिस के पास कोई अहम सुराग तक नहीं है। पुलिस की कई टीमों के साथ एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को भी लगाया गया है।
मेरठ : सीओ सिविल लाइन कार्यालय के पास हुई डकैती के आरोपित तो दूर, पुलिस के पास कोई अहम सुराग तक नहीं है। पुलिस की कई टीमों के साथ एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को भी लगाया गया है। मेरठ के अलावा पउप्र के कई जिलों में बदमाशों की तलाश जारी है। बावजूद इसके नतीजा शून्य है।
एसएसपी अखिलेश कुमार के निर्देशन में बदमाशों की तलाश कर रहीं तमाम टीमें अभी तक खाली हाथ हैं। टीम मेरठ जिले के अलावा गाजियाबाद, हापुड़, बागपत, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, बिजनौर आदि तक पहुंच गई हैं। शनिवार रात भी दो दर्जन से अधिक स्थानों पर दबिश दी गई। दर्जनों से पूछताछ की गई। उधर, एसटीएफ ने भी कई स्थान खंगाले और कुछ पुराने बदमाशों से भी इस बाबत पूछताछ की।
उधर, किठौर क्षेत्र के बदमाशों पर विशेष नजर रखी जा रही है। क्योंकि, जिस लाल रंग की कार में बदमाश आए थे वह किठौर क्षेत्र में जाकर गायब हो जाती है। सीसीटीवी फुटेज के जरिए पुलिस किठौर तक तो पहुंच गई, लेकिन इतने बड़े इलाके में वह कहां छिपे हैं इसकी भनक तक नहीं लगी है। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने कहा कि बदमाशों की धरपकड़ के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द आरोपित शिकंजे में होंगे।
ये है मामला
12 अगस्त को मोहनपुरी निवासी सिंचाई विभाग से रिटायर्ड जूनियर इंजीनियर श्रीप्रकाश गोयल और कलक्ट्रेट के बाबू राकेश गुप्ता के परिवार को बंधक बनाकर 25 से 30 लाख रुपये की डकैती की वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि इस वारदात का जल्द राजफाश कर दिया जाएगा, लेकिन चार दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है।