विशेषज्ञों ने कहा- Corona Vaccine लेने के बाद भी कोरोना होना कोई हैरत की बात नहीं
कोरोना का टीका लगवाने वालों को दोबारा संक्रमण होने पर हैरत नहीं होनी चाहिए। विशेषज्ञों ने साफ किया है कि सैंपल गले व नाक से लिया जाता है लिहाजा यहां तक तो वैक्सीन लेने वालों में भी वायरस पहुंचेगा। जबकि वायरस को रोकने वाली एंटीबाडी रक्त में बनती है।
[संतोष शुक्ल] मेरठ। कोरोना का टीका लगवाने वालों को दोबारा संक्रमण होने पर हैरत नहीं होनी चाहिए। विशेषज्ञों ने साफ किया है कि सैंपल गले व नाक से लिया जाता है, लिहाजा यहां तक तो वैक्सीन लेने वालों में भी वायरस पहुंचेगा। वायरस को रोकने वाली एंटीबाडी रक्त में बनती है। वैक्सीन का असर यह होगा कि वायरस शरीर में पहुंचकर न निमोनिया बनाएगा और न मरीज मल्टीआर्गन फेल्योर में जाएगा। मरीज की मौत नहीं होगी। टीका लगवाने वालों में जिन्हें संक्रमण हुआ, उनके फेफड़े सुरक्षित मिल रहे हैं। यानी निमोनिया किसी को नहीं हुआ। वायरस में बदलाव से बीमारी के नए लक्षण उभर रहे हैं।
दूसरी डोज के एक माह बाद पर्याप्त एंटीबाडी
मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि किसी भी माइक्रोआर्गनिज्म में बदलाव की आशंका रहती है। खासकर जब वायरस, बैक्टीरिया, या फंगस को रोकने का कोई प्रयास होता है, तब बदलाव ज्यादा देखा गया है। यह एंटीजेनिक डिफ्ट है, शिफ्ट नहीं। इसीलिए वैक्सीन लेने के बाद मास्क न पहनने से कोरोना हो सकता है, लेकिन निमोनिया या मल्टीआर्गन फेल्योर जैसे खतरे नहीं रह जाएंगे। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद शरीर में पर्याप्त एंटीबाडी टाइटर बनते हैं, जिससे बीमारी गंभीर नहीं होती। सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर ने बताया कि कोरोना वायरस ने लंबे समय में कई बदलाव किए हैं। कई मरीजों में कोविड है, लेकिन वायरस पीसीआर जांच में पकड़ में नहीं आ रहा। कई मरीजों में डायरिया, उल्टी, थकान व भूख में कमी के लक्षण उभरे।
मरीजों ने टायफायड व पीलिया की जांच कराई, जबकि उनमें कोरोना था। फिजिशियन डा. पंकज शर्मा ने बताया कि कई मरीजों में आक्सीजन भी ठीक है, लेकिन उनमें निमोनिया मिल रहा है। पहले संक्रमण के पांचवें से सातवें दिन निमोनिया मिलता था, लेकिन मेडिकल कालेज में कई ऐसे मरीज भर्ती किए गए, जिनकी आक्सीजन दो-तीन दिन के संक्रमण में घटकर 90 तक पहुंच गई। कई मरीजों में पहले की तरह अब बुखार, खांसी, सांस फूलने के लक्षण नहीं मिल रहे हैं।
हृदय रोग विशेषज्ञ डा. संजीव सक्सेना ने कहा- केजीएमयू समेत कई अन्य स्थानों पर दोनों डोज लेने वाले भी संक्रमित हो गए, जो चौंकाने वाली बात नहीं है। गले में तो वायरस पहुंचेगा ही, और यहीं से जांच होती है। टीका लगवाने वाले लोग पाजिटिव आते रहेंगे लेकिन यह वायरस शरीर में रिएक्शन नहीं कर पाएगा। वैक्सीन लेने वालों में वायरस अंदर पहुंचते ही खत्म हो जाए्गा। वैक्सीन सौ फीसद कारगर है। 70 फीसद आबादी को वैक्सीन लगी तो हर्ड इम्युनिटी विकसित होगी और बचाव मिलेगा।
सांस व छाती रोग विशेषज्ञ डा. अमित अग्रवाल नेे कहा- वैक्सीन सौ फीसद कारगर है। इससे शरीर में कोरोना से लड़ने की एंटीबाडी बनती है, जो वायरस को फेफड़ों में पहुंचने से रोकेगी। जिन लोगों को वैक्सीन के बाद संक्रमण हुआ, उनमें कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखे। सभी की चेस्ट सीटी नार्मल मिली। इससे साफ है कि वायरस इनमें निमोनिया नहीं कर पाएगा। वैक्सीन मरीजों की जिंदगी बचाएगी। बीमारी सामान्य फ्लू की तरह रह जाएगी।
कोरोना के मुख्य लक्षण
दो दिन बुखार, फिर हल्की खांसी, कफ, गंध व स्वाद का जाना, थकान, सांस में दिक्कत।
कोरोना के बदले हुए लक्षण
स्किन में चकत्ते, खुजली, आंख में धुंधलापन, दस्त, पेट दर्द, घबराहट, बीपी का बढ़ना।