यूपी बजट से उम्मीदें : आम जनता को आस, बजट की खुराक से सुधरेगी सड़कों की सेहत Meerut News
योगी सरकार के आज पेश होने वाले बजट पर जनता की आस टिकी है। शहर के लोगों का कहना है कि योगी सरकार के बजट में सड़कों की मरम्मत के लिए प्रावधान जरूर होना चाहिए।
मेरठ, जेएनएन। मूलभूत सुविधाओं में से एक सड़कों की हालत सुधारने के लिए योगी सरकार के बजट पर जनता की आस टिकी है। शहर के लोगों का कहना है कि योगी सरकार के बजट में सड़कों की मरम्मत के लिए प्रावधान जरूर होना चाहिए। यदि सड़कों के लिए बजट का कुछ हिस्सा भी निकलेगा, तो जनता को गड्ढों से राहत मिल सकेगी।
बारिश के बाद हालत खराब
दरअसल, शहर की मुख्य सड़कों की हालत बारिश के बाद बिगड़ती चली जाती है। बजट के अभाव में शहर की मुख्य सड़कों की मरम्मत भी नहीं हो पाती, जिससे साल भर लोगों को जूझना पड़ता है। मौजूदा स्थिति में गढ़ रोड, मवाना रोड़, रुड़की रोड़ व बागपत रोड की हालत बेहद खराब है।
23.59 करोड़ का प्रस्ताव
वित्तीय वर्ष 2020-21 के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की हालत सुधारने को लोक निर्माण विभाग ने शासन को 23.59 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। जिसमें शहर की प्रमुख सड़कों के अलावा अन्य व ग्रामीण सड़कें भी शामिल हैं। इनकी कुल लंबाई 146 किमी है। अधीक्षण अभियंता संजीव भारद्वाज का कहना है कि सड़कों की मरम्मत को लेकर लोगों का गुस्सा उनके उपर फूटता है, लेकिन वह एस्टीमेट भेजने के अलावा कुछ नहीं कर पाते। शासन से पैसा जारी नहीं होता, जिस कारण सड़कों की बदहाली से मुक्ति नहीं मिल पाती।
इतना तो मिले जिनसे भर सकें गड्ढे
गंगानगर निवासी वैज्ञानिक डा. संजीव कुमार वर्मा का कहना है कि सड़कों की सेहत जितनी स्वस्थ रहेगी, उतनी ही दुर्घटना की आशंका कम रहती है। आमतौर पर सड़क के गड्ढों में फिसलने व वाहनों के भिड़ने के मामले दिन-प्रतिदिन देखे जाते हैं। यदि सड़कों को लेकर सरकार बजट में कम से कम गड्ढे भरने के लिए पर्याप्त प्रावधान रखे तो जनता की मुश्किलें हल हो सकती हैं।