मेरठ में कोरोना और सर्दी ने ठंडा किया रोडवेज का इंजन, दो माह में साढ़े पंद्रह लाख यात्री हो गए कम
पहले कोरोना और अब सर्दी के चलते परिवहन विभाग का आंकड़ा ठंडा है। ट्रेनें न चलने से रोडवेज को खासी कमाई की आशा थी। कोरोना का संक्रमण काफी कम हो गया है पर लगातार पड़ रही हाड़ कंपाने वाली ठंड ने रोडवेज की आशाओं पर पानी फेर दिया है।
[ओम बाजपेयी] मेरठ। पहले कोरोना और अब सर्दी के चलते परिवहन विभाग का आंकड़ा ठंडा है। ट्रेनें न चलने से रोडवेज को खासी कमाई की आशा थी। कोरोना का संक्रमण काफी कम हो गया है पर लगातार पड़ रही हाड़ कंपाने वाली ठंड ने रोडवेज की आशाओं पर पानी फेर दिया है। एक दिसंबर से 28 जनवरी तक पिछले साल की तुलना में 15.61 लाख यात्री कम हैं।
मेरठ परिक्षेत्र में जनवरी 2021 में रोडवेज की 744 बसें चल रही हैं। वर्ष 2020 जनवरी की तुलना में 43 बसें कम हैं। एक दिन एक बस में 93 यात्री ही सफर कर रहे हैं। जबकि गत सीजन में 102 यात्री सफर कर रहे थे। इसके बावजूद आय की दृष्टि से देखें तो अपेक्षित गिरावट नहीं है।
दिसंबर 2020 में पिछले वर्ष की तुलना में 7.46 लाख यात्री कम रहे हैं। वहीं, जनवरी 2021 में यह आंकड़ा बढ़ कर 8.15 लाख हो गया है। जनवरी में संगम और नौचंदी के चलने से भी रोडवेज को मिलने वाले यात्रियों पर कैंची चली है। यात्रियों की संख्या कम होने से रोडवेज अधिकारियों को खर्च और आय के बीच संतुलन साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। पिछले वर्ष दिसंबर में रोडवेज को 1.90 लाख का घाटा हुआ था। इस बार दिसंबर में रोडवेज की आय में 1.08 करोड़ का इजाफा हुआ है। जनवरी में प्रति बस आय में कमी नहीं हुई है। क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा ने बताया कि जो ट्रेंड है उसके अनुसार कम दूरी के यात्रियों की संख्या कम हुई है।
दिसंबर और जनवरी माह में बसों के संचालन का तुलनात्मक विवरण
दिसंबर
वर्ष बस यात्री लाख में
2019 785 45.48
2020 767 38.02
1 से 28 जनवरी तक
वर्ष बस यात्री लाख में
2020 787 42.50
2021 744 34.35