सेना के पड़ाव कैंप पर भी अतिक्रमण ने बढ़ाई सुरक्षा को लेकर चिंता, पढ़िए खास रिपोर्ट
Encroachment on Armys halt यह वाकई चिंता का विषय है। सेना के पड़ाव (कैंपिंग ग्राउंड) की जमीनों पर भी अतिक्रमण हो रहा है। गाजियाबाद हापुड़ सहारनपुर देहरादून में सबसे ज्यादा अतिक्रमण। कई जगह झुग्गियां तो कुछ जगह स्थायी ढांचा बन गया है।
विवेक राव, मेरठ। Encroachment on Armys halt गाजियाबाद, हापुड़, सहारनपुर, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल में सेना के पड़ाव (कैंपिंग ग्राउंड) की जमीनों पर भी अतिक्रमण है। कई जगह झुग्गियां तो कुछ जगह स्थायी ढांचा बन गया है। इससे सेना की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है। सालों से चल रहे इस अतिक्रमण को अब हटवाने के लिए रक्षा संपदा विभाग ने संबंधित जिलों के प्रशासन को पत्र लिखा है। रक्षा संपदा निदेशालय से बाउंड्री वाल बनाने के लिए बजट भी मांगा है।
तेजी से किया अतिक्रमण
पहले सेना पैदल जाती थी, तो रास्ते में आराम करने के लिए कुछ जगह कैंप बनाए जाते थे। यह कैंप आज पड़ाव के नाम से जाने जाते हैं। इसमें से कुछ पड़ाव पर सेना का पूर्ण नियंत्रण है लेकिन कुछ जगहों पर तेजी से अतिक्रमण कर लिया गया। इसमें से बहुत सी जमीन रक्षा संपदा के प्रबंधन में भी है, जिस पर अवैध कब्जा और अतिक्रमण हो चुका है। मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, सहारनपुर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल और हरिद्वार में ऐसे पड़ाव हैं। इसमें कुछ जगह पूर्ण अतिक्रमण है।
यहां सबसे अधिक अतिक्रमण
मेरठ रक्षा संपदा कार्यालय से जुड़े कैंपिग ग्राउंड में गाजियाबाद में भूंजा के पास करीब दो एकड़ से अधिक पड़ाव की भूमि पर अतिक्रमण है। सहारनपुर के अमरपुर व बेगमपुर में 11 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण है। देहरादून, पौड़ी गढ़वाल में पड़ाव के कुछ हिस्सों पर अतिक्रमण है।
पड़ाव में बन गए पुलिस थाने
रक्षा संपदा के प्रबंधन में कुछ पड़ाव की जमीन पर पुलिस थाने भी बन गए हैं। कुछ जगह स्थायी ढांचे भी बन चुके हैं। ऐसी जगहों को राज्य सरकार से ट्रांसफर कर जमीन के बदले सेना की आवश्यकता अनुसार जमीन उपलब्ध कराने पर भी विचार किया जा रहा है।
इनका कहना है
कुछ जगहों पर कैंपिंग ग्राउंड पर अतिक्रमण की समस्या है। कैंपिंग ग्राउंड शहर के प्रमुख जगहों पर हैं। इन्हें खाली कराने के लिए संबंधित जिलों के जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। पुलिस फोर्स मिलने के बाद इन्हें खाली कराया जाएगा। साथ ही कैंपिंग ग्राउंड की चारदीवारी भी कराई जाएगी।
- हरेंद्र सिंह, रक्षा संपदा अधिकारी, मेरठ