एक पखवाड़े बाद भी सड़क पर नहीं उतरी इलेक्ट्रिक बसें
लोकार्पण हुए एक पखवाड़ा बीतने को है पर इलेक्ट्रिक बसें शहर की सड़कों पर नजर नहीं आ रही है। संचालन का जिम्मेदारी जिन कंपनियों पर है उन्होंने अभी चार्जिग स्टेशन का भी निर्माण पूरा नहीं किया है।
मेरठ, जेएनएन। लोकार्पण हुए एक पखवाड़ा बीतने को है पर इलेक्ट्रिक बसें शहर की सड़कों पर नजर नहीं आ रही है। संचालन का जिम्मेदारी जिन कंपनियों पर है उन्होंने अभी चार्जिग स्टेशन का भी निर्माण पूरा नहीं किया है। वहीं सरकारी मशीनरी चुनाव में लगने से बसों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। वहीं माह के अंत तक सभी 50 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का दावा हवा हवाई साबित होता नजर आ रहा है। चार जनवरी को सांसद राजेंद्र अग्रवाल और विधायक सोमेंद्र तोमर ने पुलिस लाइन में बसों में सवार हो कर टिकट खरीद कर संचालन की प्रतीकात्मक रूप से शुरुआत की थी। वहीं लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण किया था।
बसों का संचालन पीएमआइ नाम की संस्था कर रही है। चार्जिग स्टेशन भी इसी कंपनी को बनाना है। लोहिया नगर में बुधवार को केबल बिछाने के लिए ट्रंच बनाने का कार्य चल रहा था। चार्जिग उपकरण की पैकिग भी अभी तक नहीं खोली जा सकी है। कंपनी के प्रतिनिधियों के ढुलमुल रवैये का परिणाम है कि मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट के अधिकारियों ने भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को इतने दिनों तक टाल रखा है। चूंकि सवाल यह है कि अगर बसों का रजिस्ट्रेशन हो भी जाता है तो बिना चार्जर के बसें चलेंगी भी तो कैसे। वहीं एआरएम विपिन सक्सेना ने बताया कि बुधवार को बसों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए परिवहन विभाग के कार्यालय ले जाया गया। जल्द प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
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