बड़ी बहन के सिर बांधी पगड़ी, माना परिवार का मुखिया
परिवार के मुखिया के अचानक निधन के बाद छोटे भाइयों ने बड़ी बहन को सम्मान देते हुए पगड़ी बांधी और परिवार के मुखिया की जिम्मेदारी सौंप दी।
मेरठ, जेएनएन। परिवार के मुखिया के अचानक निधन के बाद छोटे भाइयों ने बड़ी बहन को सम्मान देते हुए पगड़ी बांधी और परिवार के मुखिया की जिम्मेदारी सौंप दी। कंकरखेड़ा में बहन के सिर पर पगड़ी बांधने की घटना चर्चा का विषय बनी है। परिवार के सदस्य अपने इस निर्णय से खुश हैं। साथ ही बेटियों को लेकर भेदभाव करने वालों के लिए यह बड़ी नसीहत भी है।
सरूरपुर क्षेत्र के गांव पथौली निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक हरेंद्र सिंह कंकरखेड़ा की तुलसी कालोनी में सपरिवार रहते थे। सात सितंबर को उनका देहांत हो गया। दिवंगत की रस्म पगड़ी 19 सितंबर को थी। पगड़ी बांधने की बारी आई तो सबसे बड़े भाई विकास चौधरी ने पगड़ी बंधवाने से इन्कार कर दिया। विकास ने तर्क दिया कि घर में सबसे बड़ी बहन उर्वशी चौधरी को ही पिता के बाद सबसे अधिक सम्मान भाई-बहनों ने दिया है। अब पिता नहीं रहे तो बहन ही घर की मुखिया होंगी। विकास के साथ बहन एश्वर्या, छोटे भाई विवेक व वरुण ने भी इस निर्णय का सम्मान किया। इसके बाद सर्वसम्मति से उर्वशी के सिर पर पगड़ी बांध दी गई।
हर निर्णय में पिता ने बेटी को रखा साथ
मेरठ कचहरी में अधिवक्ता उर्वशी बताती हैं कि पिता ने कभी बेटे-बेटी में भेद नहीं किया। परिवार हित में लिए गए हर निर्णय में उन्होंने सबको साथ रखा व राय ली। शादी के बाद भी सलाह लेने का सिलसिला जारी है। छोटी बहन व भाई भी उन्हें शुरू से सम्मान देते हैं। पिता ने हम सब भाई-बहनों को बेहतर संस्कार व शिक्षा दी। यही कारण है कि पिता के निधन के बाद छोटे भाइयों ने उनके सिर पर पगड़ी बांधकर सम्मान दिया और परिवार की जिम्मेदार भी सौंप दी है।