Corona Update: शहर में बीस कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद बेगमबाग समेत आठ नए हॉटस्पॉट, 19 इलाके सीलमुक्त
गुरुवार को जनपद में कोरोना संक्रमण के कुल 20 नए मामले मिले। जिनमें आठ नए इलाकों में कोरोना संक्रमण पहुंच गया। इन सभी को सीएमओ की संस्तुति पर हॉटस्पॉट बनाया गया है।
मेरठ, जेएनएन। Corona Update गुरुवार को जनपद में कोरोना संक्रमण के कुल 20 नए मामले मिले। जिनमें आठ नए इलाकों में कोरोना संक्रमण पहुंच गया। इन सभी को सीएमओ की संस्तुति पर हॉटस्पॉट बनाया गया है। सीएमओ डा. राजकुमार द्वारा जारी टेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक किशनपुरा मलियाना, बेगमबाग भोपाल नर्सिंग होम के पीछे, सोमदत्त विहार गढ़ रोड, शेखपुरा, होली चौक मलियाना, प्यारेलाल शर्मा अस्पताल परिसर, वाल्मीकि कालोनी फलावदा तथा गांव जई किला रोड में नए केस मिले हैं। इन सभी स्थानों को जिला प्रशासन ने नया हॉटस्पॉट घोषित करके सील की कार्रवाई का आदेश दिया है।
डीएम ने ग्रीन जोन घोषित किया
वहीं गुरुवार को ही सीएमओ डा. राजकुमार की संस्तुति पर जनपद के 19 ऐसे क्षेत्रों को जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने ग्रीन जोन घोषित किया है जहां कोरोना का कोई नया मामला पिछले 14 दिन से नहीं मिला है। सराय बहलीम पोदीवाड़ा, गांव फिटकरी मवाना, गांव माखननगर बड़ा मवाना, गांव खिवाई ब्लाक सरूरपुर, गांव पांचली ब्लाक जानी, गांव खड़कड़ी ब्लाक खरखौदा, मोहकमपुर, जाग्रति विहार सेक्टर 08, सोमदत सिटी, सरस्वति विहार फेज एक रोहटा रोड, रोशनपुर डोरली, एकता नगर रुड़की रोड, राजकमल एन्क्लेव, बी ब्लाक साकेत, आर के पुरम दिल्ली रोड, के ब्लाक शास्त्रीनगर, प्रवेश विहार समेत कुल 19 क्षेत्रों को सीलमुक्त करने का आदेश कर दिया गया है। अब यहां के लोग भी सामान्य तरीके से दैनिक दिनचर्या कर सकेंगे।
एक मरीज की पहचान नहीं
गुरुवार को भी जिले में कोरोना का मीटर ऊपर की ओर जारी रहा। 2187 सैंपल की जांच में 20 मरीज संक्रमित मिले। एक मरीज की पहचान नहीं हो पाई है। इसकी सूचना पुलिस को दी दी गई। संक्रमित मरीजों की संख्या 2356 हो गई है। सीएमओ डा. राजकुमार का कहना है कि वर्तमान में जिले में 291 एक्टिव केस हैं। 322 सैम्पल की जांच वेटिंग में है। 41 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। अब तक 1968 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। अब तक 105032 मरीजों के सैंपल जांच के लिए लिये जा चुके हैं। प्रोफेसर डा. टीवीएस आर्य का कहना है कि आइसोलेशन वार्ड में 83 मरीज भर्ती हैं। इनमें 11 आइसीयू में हैं। ज्यादा घातक स्थिति में पहुंचने वाले शुगर के मरीजों पर रिस्क ज्यादा है। इसके अलावा ज्यादातर मरीजों की जान बच रही है। वार्ड में प्रोटोकाल के मुताबिक सटीक इलाज दिया जा रहा है।