आठ सौ दुकानें, 80 गोदाम और 300 काट्रेक्टर, यह सोतीगंज है
अगर आप सोतीगंज की सड़कों और तंग गलियों में तरीके से घूम लें तो आपकी आखें खुली की खुली रह जाएंगी।
मेरठ, जेएनएन। अगर आप सोतीगंज की सड़कों और तंग गलियों में तरीके से घूम लें तो आपकी आखें खुली की खुली रह जाएंगी। आलम यह है कि जो कहीं नहीं मिलता, वो सोतीगंज में जरूर मिलेगा, ऐसा कहा जाता है। आपको हैरत होगी कि सोतीगंज में 1979 की अंबेसडर कार का ब्रेक पिस्टन भी मिलेगा तो सन 1960 की बनी महिंद्रा जीप क्लासिक का गेयर बाक्स भी। इतना ही नहीं, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की विलिज जीप के टायर भी यहा मिल जाएंगे। फैक्ट्री में जिन वाहनों को बनाने में कई माह लग जाते हैं, सोतीगंज में दस से 15 मिनट के बीच उनका एक-एक पुर्जा अलग हो जाता है। चोरी का दोपहिया वाहन हो या चार पहिया कार, दोनों जब यहा कटने आते हैं तो एक ही समय में 10 से 15 मिस्त्री उसपर टूट पड़ते हैं। यह बाजार चोरी की गाड़ियों और स्पेयर पार्ट का गढ़ माना जाता है। यहा सभी गाड़ियों के सभी तरह के पार्ट मिल जाएंगे। यहा चोरी, पुरानी और दुर्घटना के दौरान खराब हुई गाड़िया धड़ल्ले से आती हैं। मेरठ के सोतीगंज बाजार को एशिया का सबसे बड़ा कबाड़ बाजार भी कहा जाता है। वस्तुत: चोरी के वाहनों को खपाने के लिए सबसे बड़ा गढ़ बन चुका है सोतीगंज। अब, मेरठ के चेहरे से इस बदनुमा धब्बे को साफ करने के लिए यहा के लोकसभा सदस्य राजेंद्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है कि कृपया कार्रवाई करवाएं, शहर की इज्जत बचाएं। बहरहाल, इस पत्र से प्रशासनिक अमले में हलचल यह हुई है कि एक एएसपी को यहा की गंदगी साफ करने का टास्क सौंप दिया गया है। बीच शहर में काला कारोबार
करीब 60 साल पहले सोतीगंज में कोयला, रद्दी और पशुओं का चारा बिका करता था। स्थानीय दुकानदार ताहिर प्रधान बताते हैं कि सबसे पहले चार दुकानें खुली थीं। उसके बाद घरों के अंदर तक दुकानें और गोदाम खुलते चले गए। वैसे बीते बरस तक यहा कबाड़ की खरीद-बिक्री के लिए 48 दुकानें पंजीकृत थीं। इससे उलट इन दिनों सोतीगंज में करीब 800 दुकानें, 80 गोदाम और चोरी के वाहनों को यहा लाने वाले 300 से ज्यादा काट्रेक्टर सक्रिय हैं। इन काट्रेक्टरों का काम उप्र, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश के साथ-साथ नेपाल व अन्य पड़ोसी देशों से चोरी की गाड़ियों के लिए संपर्क कर उन्हें यहा मंगवाना है। इसके बाद मिनटों में दुकानों व गोदामों में इनका कटान होता है। पुलिस का शिकंजा यदा-कदा कसते ही बाहरी क्षेत्र में कटान शुरू हो जाता है। इस समय ज्यादा गोदाम शहर के बाहरी क्षेत्र में हैं। वहा से वाहन काटने के बाद स्पेयर पार्ट सोतीगंज में लाकर बेचे जाते हैं। सोतीगंज पर यह है आरोप
- यहा पर काटे जाते हैं चोरी के वाहन
- माग के अनुसार भी कराई जाती है वाहनों की चोरी
- बदल दिया जाता है चेसिस, इंजन नंबर और पूरी डिजाइन
- यहा के वाहन चोर कई तरह से काम करते हैं। अगर गाड़ी की स्थिति ठीक है तो इंजन, चेसिस नंबर बदलकर उसे बेच देते हैं। ज्यादातर कारें दक्षिण भारत, नेपाल और जम्मू-कश्मीर में खपती हैं। अगर वाहन की स्थिति ठीक नहीं होती तो उसे कबाड़ में बेच देते हैं। कुछ कारें मेरठ व आसपास के जिलों में भी खप जाती हैं
- दुर्घटनाग्रस्त नीलाम गाड़ियों के कागजात भी यहा बेच दिए जाते हैं। लग्जरी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन एक से डेढ़ लाख, और सामान्य गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को 30 से 50 हजार में बेचते हैं
- इसी रजिस्ट्रेशन पर चोरी के वाहन चलाए जाते हैं। वहीं, वाहन स्वामी वाहन को चोरी दिखाकर बीमा की रकम ले लेता है। पूरी करतूत में कबाड़ी की मुख्य भूमिका होती है
- लग्जरी गाड़ियों से लेकर मोटरसाइकिल तक के सभी पार्ट आधी कीमत पर उपलब्ध। इतना ही नहीं, दुकानदार वारंटी कार्ड भी दे रहे हैं
- अपराध को बढ़ावा, राजस्व को भारी नुकसान। ऐसे चलता है काला धंधा
20 से 40 लाख रुपये की कोई चोरी की लक्जरी कार जब यहा आती है, काट्रेक्टर कार की स्थिति देख वाहन चोर को 80 हजार से एक लाख रुपये तक दे देता है। अगर चोर ने किसी तीसरे व्यक्ति को कार बेच दी, और वह व्यक्ति यहा गाड़ी कटवाने आता है तो उसे डेढ़ से दो लाख रुपये तक देकर काट्रेक्टर लक्जरी कार अपने कब्जे में ले लेता है। मिस्त्रियों से खुलवाकर उसके पार्ट अपने गोदाम में रखवा देता है। ये तमाम पार्ट चार से पाच लाख रुपये में बिक जाते हैं। चोरी की बाइक के रेट भी तय हैं। चोरी की मोटरसाइकिलें यहा काट्रेक्टर द्वारा चार हजार रुपये तक में ले ली जाती हैं। हाजी गल्ला के बाद मन्नू कबाड़ी, मोहसिन और काला
सोतीगंज शुरू से ही हाजी गल्ला के नाम से जाना जाता है। फिलहाल हाजी गल्ला की सक्रियता कम होने से इरफान उर्फ राहुल काला, मोहसिन और मन्नू कबाड़ी ने यहा की कमान संभाल ली है। ये तीनों चोर कई थानों में वाछित हो चुके हैं। हाल में मन्नू कबाड़ी और मोहसिन को नौचंदी तथा टीपीनगर थाने से भी वाछित कर दिया गया है। इरफान उर्फ काला हाल ही में जेल से छूटकर आया है, वह दिल्ली के गोकुलपुरी थाने में वाछित है। दिल्ली पुलिस की टीम भी इन चोरों की धरपकड़ में लगी है। सोतीगंज में चोरी के वाहनों की कटान अब पूरी तरह से बंद करा दी गई है। पुराने मुकदमों में वाछित वाहन चोरों की गिरफ्तारी के लिए संबंधित थाने और क्राइम ब्राच की टीम को लगा दिया है। क्षेत्र के सभी सीसीटीवी, और दुकानों में रखवाए गए रजिस्टरों की चेकिंग की जा रही है। अब, एएसपी इरज राजा को सोतीगंज में चोरी के वाहनों का कटान बिल्कुल खत्म कर देने का टास्क दिया गया है।
- अजय साहनी, एसएसपी
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सोतीगंज के मसले पर कुछ सुलगते सवाल, सासद और एसएसपी के जवाब
- क्या वजह है कि सोतीगंज का दाग दूर नहीं हो पा रहा है?
सासद : शीर्ष अफसरों में इच्छाशक्ति खत्म हो गई है, जबकि नीचे स्तर पर साठ गाठ के प्रकरण सामने आते हैं।
एसएसपी : पुलिस कार्रवाई की जा रही है। इस वर्ष ही 25 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कर सोतीगंज के वाहन चोर जेल भेजे गए। अब सोतीगंज में चोरी के वाहन की कटान नहीं हो रही। - पहले आरोप लगता था कि राजनीतिक संरक्षण की वजह से यहा कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती। अब तो सरकार भी बदले साढ़े तीन वर्ष हो गए। क्या अब भी वही कारण हैं?
सासद : भाजपा शासनकाल में मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी है। किसी को भी राजनीति दबाव में आने की जरूरत नहीं। अफसरों को मजबूती से काम करना चाहिए।
एसएसपी : राजनीति संरक्षण नहीं है। पुलिस अपनी तरफ से कार्रवाई कर रही है। दो सप्ताह पहले ही इरफान उर्फ राहुल काला को मुठभेड़ में घायल होने पर जेल भेजा गया। - सातीगंज के फलने-फूलने में खाकी की सरपरस्ती का आरोप लगता है। कई बार प्रमाण भी मिले हैं। जब भी किसी युवा आइपीएस ने कोशिश की, उसका तबादला हो गया। क्यों?
सासद : सीओ स्तर पर वाहन कटान करने वालों से तालमेल हो जाता है। आइपीएस इच्छाशक्ति से काम करते हैं, सभी आइपीएस अफसर का स्थानातरण समय पूरा होने पर किया गया। यह वाहन कटान का विषय नहीं है। देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
एसएसपी : इस बार सोतीगंज को सही करने के लिए आइपीएस इरज राजा को टास्क दिया है। परिणाम बेहतर निकलेंगे। - सोतीगंज का दाग मेरठ से मिटे, इसकी खातिर अब तक आपने क्या किया है?
सासद : सोतीगंज को सही करने के लिए लगातार लोकसभा में मामला उठाया है, सीएम को पत्र भी लिखा है। कार्रवाई तो अफसरों को ही करनी पड़ेगी।
एसएसपी : प्रत्येक दुकानदार के लेन-देन का हिसाब चेक कर रहे। बाहर से कटान कर सोतीगंज में लाए जा रहे उपकरणों पर भी रोक लगाई जा रही है। - वाहन चोरी के इस हब को रोकने के क्या उपाय हैं। आपकी नजर में समाधान क्या है, कैसे कौन से कदम उठाए जाएं। आपके स्तर पर हाल में कोई कदम उठाया जाएगा?
सासद : इस बार मुख्यमंत्री सख्त कार्रवाई के मूड में हैं। उम्मीद है कि सोतीगंज में चोरी के वाहन कटान को पूरी तरह से रोक दिया जाएगा।
एसएसपी : प्रत्येक दुकान पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर रजिस्टर रखे गए हैं। प्रत्येक सप्ताह रजिस्टर चेक कर कैमरों को भी देखा जा रहा है। किसी भी सूरत में चोरी का वाहन कटने नहीं दिया जाएगा।