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सेंट थॉमस इंग्लिश मीडियम में भाई-बहन ने किया टॉप

बारहवीं में पढ़ने वाले हैं भाई-बहन

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 07:04 AM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 07:04 AM (IST)
सेंट थॉमस इंग्लिश मीडियम में भाई-बहन ने किया टॉप
सेंट थॉमस इंग्लिश मीडियम में भाई-बहन ने किया टॉप

मेरठ । सेंट थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल में बारहवीं में पढ़ने वाले भाई-बहन वृंदा अग्रवाल और आकर्ष अग्रवाल ने स्कूल टॉप कर नया मुकाम हासिल किया है। उन्होंने जिले में भी अंतिम 10 में अपना स्थान कायम किया है। रिजल्ट निकलते ही जैसे ही दोनों स्कूल पहुंचे दोनों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। वृंदा अग्रवाल ने विज्ञान वर्ग में 94.8 प्रतिशत और आकर्ष अग्रवाल ने वाणिज्य वर्ग में 88.5 प्रतिशत अंक पाकर अपने वर्ग में स्कूल टॉप किया। ब्रह्मपुरी निवासी दोनों भाई-बहनों का कहना है कि उन्होंने यह सफलता अपनी सेल्फ स्टडी और आत्मविश्वास से प्राप्त की है। पिता अनिल कुमार गुप्ता सिविल कोर्ट में स्टेनोग्राफर के पद पर तैनात है तो वहीं माता मनीषा अग्रवाल गृहणी हैं। वृंदा अग्रवाल दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए राजनीति विज्ञान या बीएससी करना चाहती हैं तो भाई आकर्ष अग्रवाल सीए बनना चाहता है।

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प्रोफाइल

नाम - वृंदा अग्रवाल

स्कूल - सेंट थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल

अंक - 474 / 500 - 94.8

वर्ग - विज्ञान

स्कूल टॉप

मार्कशीट - इंग्लिश - 93, मैथ्स - 98, कंप्यूटर - 98, फिजिक्स - 93, कैमेस्ट्री - 92 नाम - आकर्ष अग्रवाल

स्कूल - सेंट थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल

अंक - 354 / 400 - 88.5

स्कूल टॉप

वर्ग - वाणिज्य

मार्कशीट - एकाउंट - 85, मैथ्स - 95, अंग्रेजी - 82, कंप्यूटर - 92 संपादित

--------- मैं मां की तरह एडवोकेट बनूंगा

खुशांक त्यागी

सेंट मेरीज एकेडमी

कक्षा : 12वीं, विज्ञान वर्ग

स्थान : जिले के प्रथम, दिल्ली-एनसीआर में तृतीय

प्राप्तांक : 490/500 (98:75 फीसद)

मार्कशीट : अंग्रेजी : 97, गणित : 100, केमिस्ट्री : 99, फिजिक्स : 99, बायो : 95 मुझे खुशी है कि मैं जिले का टॉपर और एनसीआर में थर्ड रैंक हासिल कर सका। मैंने पूरी लगन से मेहनत की थी। रेगुलर पांच घंटे सेल्फ स्टडी और गणित के ट्यूशन लिए थे। बाकी स्कूल के शिक्षकों का मार्गदर्शन लेता रहा। मेरी मां शिखा त्यागी सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट हैं। मैं उन्हीं की तरह ही एडवोकेट बनना चाहता हूं। डीयू में दाखिला लेकर लॉ करने के साथ ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी करूंगा। मैं अब तक सोशल मीडिया पर नही हूं और मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी निजी तौर पर नहीं करता। मुझे किताबें पढ़ना और बास्केटबाल खेलना बेहद पसंद है। सक्सेस मंत्र

-रेगुलर सेल्फ स्टडी

-क्लास लेक्चर पर फोकस

-सोशल मीडिया से दूरी

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मैं आइएफएस अफसर बनना चाहती हूं

श्रुति शर्मा

सेंट मेरीज एकेडमी

कक्षा : 12वीं, कॉमर्स

स्थान : जिले में तृतीय, कॉमर्स में प्रथम

प्राप्तांक : 471/500 (95 फीसद)

मार्कशीट : अंग्रेजी : 91, गणित : 100, एकाउंट : 96, कॉमर्स : 91, इकोनोमिक्स : 93 अपने स्ट्रीम में जिले में टॉपर बनकर बेहद खुशी है। मैंने मेहनत पूरी की थी लेकिन जिले का टॉपर बनना गर्व की बात है। मुझे आगे चलकर इंडियन फॉरेन सर्विसेस में जाना है। आगे की पढ़ाई डीयू से इकोनोमिक ऑनर्स लेकर करनी है। बोर्ड परीक्षा के लिए मुझे गणित की कोचिंग लेनी पड़ी। बाकी के विषय मैंने खुद से ही पढ़ा है। मेरे पिता डा. संजीव शर्मा व माता दिशा शर्मा शिक्षिका हैं। कक्षा 10वीं में भी मेरे 97 फीसद अंक थे। मैंने पढ़ाई की उस लय को बिगड़ने नहीं दिया। स्कूल में शिक्षक-शिक्षिकाओं का मार्गदर्शन मिलता रहा इसलिए पूरे वर्ष पढ़ाई पर फोकस भी बनाए रखा। सक्सेस मंत्र

-गणित के अलावा सभी सेल्फ स्टडी

-पसंदीदा विषयों को लगातार पढ़ा

-क्लासरूम लेक्चर्स पर रखा फोकस

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मुझे साफ्टवेयर इंजीनियर बनना है

प्रशस्ति सर्राफ

सोफिया ग‌र्ल्स स्कूल

कक्षा : 10वीं

स्थान : जिले में प्रथम व दिल्ली-एनसीआर में तृतीय

प्राप्तांक : 590/600 (98.2 फीसद)

मार्कशीट : अंग्रेजी : 91, ¨हदी : 99, विज्ञान : 100, गणित : 100, एचसीजी : 100, कंप्यूटर : 100

मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि मैं जिला टॉप करूंगी और दिल्ली-एनसीआर में भी मुझे तीसरा स्थान मिलेगा। मेरा तो शुरू से यही प्रयास था कि स्कूल के टॉप थ्री में स्थान बना लूं। इसके लिए ही मैंने सेल्फ स्टडी पर जोर दिया। आज मुझे बेहद खुशी है कि स्कूल एवं जिले की टॉपर होने के साथ मैंने दिल्ली-एनसीआर में भी तृतीय स्थान प्राप्त किया है। मेरा परिवार वेस्टर्न कचहरी रोड पर रहता है। मेरी उपलब्धि पर मेरे पापा राहुल सर्राफ व मम्मी वंदना राहुल बेहद खुश हैं। मैंने बिना ट्यूशन लिए अपनी पढ़ाई की। मेरी सफलता का श्रेय स्कूल की प्रधानाचार्य एवं शिक्षिकाओं के साथ ही मेरे परिजनों को जाता है। मैं आगे बढ़कर साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हूं। सक्सेस मंत्र

-प्रतिदिन सात घंटे तक की पढ़ाई की।

-टाइम मैनेजमेंट करके सभी विषय पढ़ें।

-सेल्फ स्टडी पर पूरे साल फोकस रहा।


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