ई-कैट¨रग की चर्चा से ही भर रहा यात्रियों का 'पेट'
साल 2016 के बजट में की थी स्टेशनों पर व्यवस्था करने की घोषणा एक साल में आईआरसीटीसी नह
साल 2016 के बजट में की थी स्टेशनों पर व्यवस्था करने की घोषणा
एक साल में आईआरसीटीसी नहीं चयनित कर पाई वेंडर
दीपक भारद्वाज, मेरठ
रेलवे ने एक साल पहले लाइसेंस राज की व्यवस्था खत्म कर बजट में ई-कैट¨रग सुविधा शुरू करने का वादा किया था। तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने देश के 408 स्टेशनों पर आईआरसीटीसी को ई-कैट¨रग की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी थी। अभी तक स्टेशनों पर यह व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। हां, यह सेवा यात्रियों के बीच चर्चा का विषय जरूर बनी है।
यात्रियों को ट्रेन में खानपान की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आईआरसीटीसी को किचन बेस कैट¨रग करने के निर्देश दिए थे। यात्रियों को ट्रेन के अंदर ही भोजन गर्म और गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराना इसका मकसद था।
ए-वन स्टेशन पर भी नहीं सुविधा देश के 408 स्टेशनों पर ई-कैट¨रग की व्यवस्था करने का वादा करने वाला रेलवे अभी तक ए-वन श्रेणी के स्टेशनों पर भी यह सुविधा उपलब्ध नहीं करा सका है। सिटी स्टेशन ए-वन श्रेणी में आता है। इसके बावजूद यहां ई-कैट¨रग की व्यवस्था अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। स्टेशन पर वेंडर ही ठंडा खाना परोस रहे हैं।
वाया मेरठ रूट सबसे महत्वपूर्ण
दिल्ली से गाजियाबाद-मेरठ रूट उत्तर रेलवे के महत्वपूर्ण रूटों में शामिल हैं। यहां से कई प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। यहां सें कई ट्रेनें तो लंबी दूरी की हैं।
अवैध वेंडरों की बल्ले-बल्ले
अधिकारियों की मिलीभगत से रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों की चांदी कट रही है। वहीं यात्रियों के खाने से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। सीएजी की रिपोर्ट में भी रेलवे का भोजन खाने लायक नहीं समझा गया था। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन गंभीर नहीं है और बजट में घोषणा होने के बाद भी यात्रियों को शुद्धता की गांरटी देने में असमर्थ है।
इस संबंध में आईआरसीटीसी से वार्ता करनी होगी। उनसे पूछकर एक-दो दिन में बताया जाएगा कि वेंडर चयनित करने में क्यों देरी की गई है।
नितिन चौधरी, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे
दो महीने पहले आईआरसीटीसी का पत्र प्राप्त हुआ था, लेकिन अभी तक वेंडर का चयन नहीं हो सका है। संभवत: इसी कारण ई-कैट¨रग व्यवस्था नहीं शुरू हो पाई है।
आरपी शर्मा, सिटी स्टेशन अधीक्षक