परीक्षा के दौरान पढ़ाई, खान-पान और व्यायाम में रखें संतुलन
यूपी बोर्ड, सीबीएसई और सीआइएससीई की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं या तो शुरू हो चुकी है या फिर शुरू होने वाली है। तीनों बोर्ड को मिलाकर जिले में साल 2019 में करीब एक लाख से ज्यादा बोर्ड परीक्षार्थी हैं।
मेरठ : यूपी बोर्ड, सीबीएसई और सीआइएससीई की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं या तो शुरू हो चुकी है या फिर शुरू होने वाली है। तीनों बोर्ड को मिलाकर जिले में साल 2019 में करीब एक लाख से ज्यादा बोर्ड परीक्षार्थी हैं। परीक्षा के दौरान बोर्ड परीक्षार्थियों को पढ़ाई, खान-पान और शारीरिक व्यायाम में संतुलन बनाने की आवश्यकता होती है। तीनों का संतुलन ही परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन की गारंटी देता है। ऐसे में परीक्षार्थियों के लिए तीन अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ जरूरी टिप्स दे रहे हैं जिन्हें परीक्षार्थियों के साथ ही परिजनों को भी ध्यान में रखना चाहिए। योग से दूर होगा शारीरिक व मानसिक तनाव
बोर्ड परीक्षा के दौरान वैसे को पढ़ाई के अलावा बच्चों को कुछ नहीं सूझता है लेकिन जरूरी यह भी है कि वह कुछ घंटों के अंतराल में थोड़ा ब्रेक जरूर लें। योग गुरु हितेश कुमार के अनुसार इसी ब्रेक में यदि कुछ योगासन और प्राणायाम कर लेंगे तो शरीर और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी। इसके बाद दोबारा पूरी ऊर्जा के साथ पढ़ने बैठ सकते हैं। 20 से 30 मिनट का योग लाभकारी होगा। इसे आप समय के अनुरूप विभाजित भी कर सकते हैं।
इन आसनों से मिलेगी मदद
प्राणायाम : रोजाना प्रणायाम करने से दिमाग स्ट्रेस फ्री रहता है, इसे करने से पढ़ाई पर फोकस बढ़ता है। सांस को धीमी गति से गहरी खींचकर रोकना और बाहर निकालना प्राणायाम के क्रम में आता है।
सुखासन : इसमें दोनों पैरों को क्रास करने के साथ पीठ को सीधा रखकर बैठना होता है, इस आसान में मेडिटेशन भी किया जाता है। यह आसान ब्रेन पावर को बढ़ाने में कारगर है।
दंडासन : इस योग से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है, यह सिटिंग पॉश्चर के लिए बेहतरीन योग है। इसे रोजाना करने से शरीर के निचले हिस्से में लचीलापन भी आता है।
पद्मासन : इस आसन से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है। साथ ही मानसिक तनाव भी दूर होता है। यह शरीर के आलस को दूर का फुर्तीला बनाता है। गुस्से पर भी कंट्रोल कर सकेंगे।
भुजंगासन : यह आसन पेट के बल लेटकर किया जाता है। इससे खुद को स्लिम ट्रिम बना सकते हैं। यह मसल्स के लिए काफी फायदेमंद है। इससे बॉडी में लचीलापन बना रहता है। -------------------------
सुपर ब्रेन फूड का सेवन करें, तरोताजा रहेंगे
शरीर में आलस्य अधिक है या फर्ति अधिक है। यह आपके खान-पान पर निर्भर करता है। विशेष तौर पर बोर्ड परीक्षा के समय खान-पान का विशेष ख्याल रखना चाहिए। डाइटिशियन डा. भावना गांधी के अनुसार परीक्षा की तैयारी और परीक्षा दे रहे बच्चों के खान-पान का ख्याल उनकी माताओं को विशेष तौर पर रखना चाहिए। बेहतर मिश्रण के साथ आगे बढ़ते हुए बच्चों को 'सुपर ब्रेन फूड' देने की जरूरत होती है जो उनके शरीर को चुस्त रखें और दिमाग को ताजा रखें।
इन खाद्य पदार्थो का करें सेवन
-परीक्षा की तैयारी के साथ पानी का सेवन करते रहें। चाय-काफी का सेवन कम करें। उसकी जगह नारियल पानी, जूस, सूप लें।
-केला, सेब, चीकू, मूंगफली से घर में बने जूस लें। एनर्जी ड्रिंक का इस्तेमाल बिलकुल मत करें। इसमें मौजूद कैफीन नुकसान करता है।
-कच्ची हल्दी, खजूर, अलसी के बीज का इस्तेमाल सोते समय करें। ब्रेकफास्ट जरूर करें, इसमें अनाज, दाल, सब्जी का मिश्रण होना चाहिए।
-थोड़ा-थोड़ा अंतराल पर खाएं। सुबह आठ बजे से साढ़े आठ बजे के बीच नाश्ता, 11.30 बजे कोई मौसमी फल, डेढ़ बजे से दो बजे के बीच लंच, चार बजे एक कप दूध, छह बजे से साढ़े छह बजे तक सूप, आठ बजे से साढ़े आठ बजे तक रात का भोजन कर लें।
-परीक्षार्थियों को अपने खाने में इंद्रधनुष की तरह लाल, पीले फल, सब्जियां, सलाद, जूस, मौसमी फल का इस्तेमाल करें।
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डेली स्टडी प्लान के अनुरूप बनाएं टाइम-टेबल
अब परीक्षा सामने है। जो पढ़ चुके वही ध्यान रखें। जो छूट गया उसे भूल जाइए। सीबीएसई काउंसलर पूनम देवदत्त के अनुसार अब बच्चों को डेली स्टडी प्लान के अनुरूप पढ़ाई करनी चाहिए। जिस विषय की परीक्षा सामने हो उसके अनुरूप ही टाइम-टेबल को सेट करें। शॉर्ट नोट्स बनाए और बार-बार रिवीजन करते रहें। दो पेपर के बीच गैप अधिक हो तो एक से अधिक विषय को टाइमटेबल में शामिल करें। परीक्षा की तैयारी व अधूरे सिलेबस पर किसी से कोई चर्चा कतई न करें। घर में बच्चों के लिए परिजन परीक्षा के अनुकूल माहौल बनाए रखें।
यह जरूर करें
-मॉडल पेपर से स्पीड अभ्यास करें और मॉक टेस्ट करें।
-हर दिन 20-30 मिनट शारीरिक परिश्रम में जरूर लगाएं।
-इससे ब्लड सर्कुलेशन व याद करने की क्षमता बढ़ती है।
-कम से कम छह घंटे की नींद जरूर लें।
-जो चैप्टर अच्छे लगे उन्हें अधिक पढ़ें।
-हर चैप्टर के प्वाइंट और माइक्रो प्वाइंट बनाकर पढ़ें। यह करने से बचें
-टॉपिक बिना पूरा किए बीच में न छोड़ें।
-पढ़ाई के शेड्यूल में अधिक गैप न होने दें।
-लगातार कठिन विषय कतई न पढ़ें।
-रेस्ट के दौरान अधिक थकान वाला गेम न खेलें।
-मन निराश न होने दें, नकारात्मक बातचीत से बचें।
-क्षमता के अनुरूप पढ़ें, दूसरों की नकल न करें।