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पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने से महंगाई के भी घटने के आसार, सुधरेगा रसोई का बजट

Inflation News मेरठ में पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने से अब सब्जी-फल खाद्यान्न से महंगाई की परत कम होने के आसार बढ़ गए हैं। इनके दाम कम होने से माल भाड़े में होगी कमी। माल भाड़ा कम करने के लिए ट्रांसपोर्टर करेंगे बैठक।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 11:00 AM (IST)
Inflation News मेरठ में डीजल के दाम कम होने से महंगाई घटने के भी संकेत हैं।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Inflation News केंद्र सरकार ने डीजल व पेट्रोल का मूल्य घटाकर ऐसी राहत दी है जिसका असर फल, सब्जी व खाद्यान्न की कीमत पर पड़ेगा। जिस तरह से इनके मूल्य ने आसमान छू लिया था उसी तरह से उनके मूल्य कम होने के आसार बढ़ गए हैं। एक तरफ जहां माल भाड़े में कमी आएगी वहीं फल-सब्जी व अन्य खाद्य पदार्थों के उत्पादन लागत का बोझ कम होगा। उद्योगों की भी उत्पादन लागत कम होगी। इस सब का पूरा असर महंगाई पर पड़ेगा, जिससे वस्तुओं के दाम कम हो सकते हैं।

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किराए पर किया जाएगा विचार

माल किराया भाड़ा की कमी करने के मामले पर मेरठ ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा कि सभी ट्रांसपोर्टर के साथ बैठक करके किराए पर विचार किया जाएगा। आढ़ती इरशाद ने बताया कि मालभाड़ा कम होने व डीजल की कीमत घटने से फल-सब्जी की कीमत पर सीधा असर पड़ता है। उम्मीद है कि इनकी कीमत घटेगी। व्यापारी नेता विपुल सिंघल ने कहा कि व्यापार आम लोगों को प्रभावित करता है। व्यापारियों को राहत मिलने पर आम लोगों की जेब पर लाभदायक फर्क पड़ता है।

कच्चे माल पर असर

उद्योगों के उत्पाद लागत में आएगी कमी, बढ़ेगा लाभउद्योगों की लागत में राहत पर आइआइए के मेरठ चैप्टर चेयरमैन सुमनेश अग्रवाल का कहना है कि माल भाड़ा कम होगा जिससे कच्चे माल पर असर पड़ेगा। वहीं समय समय पर जेनरेटर चलाने से जिस महंगाई का सामना करना पड़ता था, उसमें कमी आएगी। संगल पेपर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हिमांशु संगल ने बताया कि पेपर उद्योग को भी इससे काफी राहत मिलेगी। कच्चे माल की कीमत व उत्पादन लागत में कमी आएगी, जिसका लाभ मिलेगा।

नौकरी-पेशा वालों को ऐसे मिलेगा लाभ

सीए अनुपम शर्मा के अनुसार अगर आप दिल्ली-एनसीआर या आसपास किसी शहर में जाकर नौकरी, व्यापार हैं करते हैं तो करीब 20 किलोमीटर रोज आना- जाना कोई बड़ी बात नहीं है। अगर आप बाइक से जाते हैं तो आपको करीब 50 किलोमीटर का एवरेज तो मिल ही जाएगा। यानी हफ्ते में पांच दिन आफिस जाने का मतलब है महीने में करीब 22 दिन। यानी बाइक में आपका महीने में करीब नौ लीटर पेट्रोल खर्च हो जाएगा। पेट्रोल 105.50 रुपये प्रति लीटर है। यानी आपका हर महीने आफिस आने जाने में ही करीब 950 रुपये का पेट्रोल खर्च हो जाता है। अगर आप आफिस कार से आते-जाते हैं तो हर महीने आपको करीब 25 लीटर पेट्रोल की जरूरत होगी। यानी करीब 2635 रुपये का पेट्रोल खर्च होगा। इसका मतलब अब आपका खर्च घटेगा।

गृहणीं बोलीं, सुधरेगा घर का बजट

एलपीजी पर 200 रुपये की सब्सिडी का उपहार भी मोदी सरकार ने दिया है। पेट्रोल-डीजल से राहत मिली है वह अतिरिक्त है। इन सबसे महंगाई घटेगी। घर और रसोई का खर्च सुधरेगा। इस पर गृहणियों ने खुशी जाहिर की है। सदर निवासी पूजा अग्रवाल कहती हैं। एक गृहिणी को गैस सिलेंडर मंहगा होने से सबसे ज्यादा असर पड़ता है। उसकी रसोई का सारा बजट ही बिगड़ जाता है। पिछले कुछ माह से गैस सिलेंडर प्रति माह महंगा हो रहा था।

रसोई का बजट कंट्रोल होगा

ऐसे में गैस सिलेंडर पर 200 रुपये कम होना कुछ राहत अवश्य देगा। अभी भी दाल, चावल, तेल,घी और रिफाइंड तेल के दाम आसमान छू रहे हैं, इस पर राहत मिलने की उम्मीद जगी है। बुढ़ाना गेट निवासी मेघना गर्ग का कहना है कि उनकी रसाेई में हर माह डेढ़ गैस सिलेंडर लगता है। ऐसे में तीन सौ रुपये की बचत होना वह मान सकती हैं। पेट्राेल और डीजल की कीमतें कम होने से वस्तुओं की कीमतें घटीं तो अधिक लाभ होगा। तभी रसोई का बजट कंट्रोल हो सकेगा। यह अच्छी बात है कि सरकार ने इस ओर ध्यान दिया। यह लोगों के लिए एक बड़ी राहत है। 


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