मेरठ से उड़ान का सपना जल्द होगा साकार, मौजूदा रनवे से ही उड़ेंगे 19 सीटर विमान व एयर टैक्सी
मेरठ (Meerut) से उड़ान शुरू होने में अब केवल उतने समय ही इंतजार करना होगा जितने समय में इसकी औपचारिकताएं पूरी होंगी।19 सीटर विमान और चार सीट तक की एयर टैक्सी को मौजूदा रनवे से ही उड़ाया जाएगा ।
[अनुज शर्मा] मेरठ। मेरठ से उड़ान शुरू होने में अब केवल उतने समय ही इंतजार करना होगा, जितने समय में इसकी औपचारिकताएं पूरी होंगी। इनमें विभिन्न एजेंसियों की एनओसी, सुरक्षा सर्वे और लाइसेंस प्राप्त करना शामिल है। 19 सीटर विमान और चार सीट तक की एयर टैक्सी को मौजूदा रनवे से ही उड़ाया जाएगा। बड़े विमान उड़ाने के लिए हवाई पट्टी विस्तार को भूमि की खरीद का प्रस्ताव भी सीएम के पास भेजा गया है। इस बीच ही एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया टर्मिनल बिल्डिंग और एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) टावर की व्यवस्था करेगी।
प्रदेश सरकार का दावा है कि अब मेरठ से उड़ान का सपना पूरा करने का समय आ गया है। जीएमआर की एनओसी की बाधा खत्म हो गई है। लिहाजा अब जल्द से जल्द हवाई यात्र की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टावर, फायर स्टेशन तथा आवश्यक प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। प्रदेश के नागरिक उड्डयन निदेशक और सचिव मुख्यमंत्री सुरेंद्र सिंह ने दावा किया कि 19 सीटर विमान और चार सीटर तक एयर टैक्सी उड़ाने के लिए मौजूदा रनवे ही पर्याप्त है। आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एएआइ अफसरों ने काम शुरू कर दिया है।
जमीन की मांग की है: निदेशक नागरिक उड्डयन सुरेंद्र सिंह ने बताया कि जीएमआर की बाधा खत्म होते ही मेरठ से बड़े विमान उड़ाने के लिए भी तैयारी शुरू कर दी गई है। एएआइ ने प्रदेश सरकार से केवल हवाई पट्टी विस्तार के लिए आवश्यक जमीन की मांग की है। जमीन खरीदने का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री के पास भेज दिया गया है। प्रस्ताव स्वीकृत होते ही जमीन खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
19 सीटर विमान की उपलब्धता समस्या नहीं : नागरिक उड्डयन निदेशक सुरेंद्र सिंह ने दावा किया कि 19 सीटर विमान की उपलब्धता समस्या नहीं है। तमाम कंपनियों के पास 19 सीटर विमान और चार सीटर तक एयर टैक्सी उपलब्ध हैं।
एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के उत्तरी क्षेत्र के रीजनल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डीके कामरा ने बताया कि एएआइ को मेरठ की हवाई पट्टी हैंडओवर है। अब यहां काम शुरू किया जाएगा। आवश्यक्ता के मुताबिक यहां बनी पुरानी बिल्डिंग को भी तोड़ना पड़ सकता है। विमान के लिए नया हैंगर निर्माण होगा। टर्मिनल बिल्डिंग बनेगी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर के निर्माण में अधिक समय लगता है लिहाजा जल्द से जल्द उड़ान की सुविधा शुरू कराने के लिए फिलहाल यहां मोबाइल एटीसी टावर से काम किया जाएगा। मोबाइल एटीसी टावर कुशीनगर से मेरठ लाया जाएगा। विभिन्न एजेंसियों की एनओसी और सुरक्षा सर्वे की प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जाएगी।