यूपी सरकार अगर दे 401 करोड़ रुपये तो 18 महीने में मेरठ से उड़ान का सपना होगा पूरा Meerut News
मेरठ से उड़ान का सपन जल्द पूरा हो सकता है। प्रशासन की ओर से जिस दर पर भूमि अधिग्रहण का आकलन किया गया है उसके अनुरूप और 196 एकड़ जमीन की आवश्यकता है।
मेरठ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार अगर 401 करोड़ रुपये देने को तैयार हो जाए तो मेरठ से अगले 18 महीने में उड़ान का सपना पूरा हो जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से नए सिरे से आकलन कर जो रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें दो चरण में भूमि अधिग्रहण की व्यवस्था है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी इस सुझाव से सहमत है।
यह है स्थ्िाति
मौजूदा समय में मेरठ में उपलब्ध हवाई पट्टी पर विमान उतारना-उड़ाना संभव नहीं है। गत फरवरी माह में जूम एयरवेज ने मेरठ से लखनऊ और प्रयागराज के लिए उड़ान के लिए जो बिड की थी, वह क्यू-400 एयरबस है। यह तो 50 सीटर विमान है, लेकिन यह थोड़ा उन्नत किस्म का एयरबस है, लिहाजा इसे एटीआर-72 जितना बड़ा-चौड़ा रनवे चाहिए होता है। एटीआर-72 में 67 से 70 सीटें होती हैं।
इतने एकड़ भूमि की है आवश्यकता
प्रशासन की ओर से जिस दर पर भूमि अधिग्रहण का आकलन किया गया है, उसके अनुरूप और लगभग 196 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। गगोल, काशी और कंचनपुर घोपला के कास्तकारों से अगर भूमि खरीदने की जरूरत पड़ती है तो पहले चरण में 401 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इसके अलावा तीन गांवों में सरकारी भूमि, वन विभाग की जमीन, एमडीए और अर्बन सीलिंग की जमीन का भी एक मोटा आकलन किया गया है, लेकिन नियमानुसार सरकारी जमीन के लिए शासन को उस विभाग को भुगतान नहीं करना पड़ता है। यही वजह है कि कहा जा रहा है कि अगर शासन किसानों से जमीन खरीद के लिए आवश्यक 401 करोड़ उपलब्ध कर दे तो मेरठ से किया गया मोदी-योगी का वादा निभाया जा सकता है।
जमीन मिले तो 12 से 18 माह लगेंगे
एएआइ का कहना है कि जमीन मिलते ही वह काम शुरू कर देगी। उड़ान योजना के तहत मेरठ से दो रूट का चयन हो चुका है, लिहाजा राज्य सरकार अगर आवश्यक भूमि उपलब्ध करा दे तो काम शुरू कर दिया जाएगा। भूमि उपलब्धता के बाद उड़ान लायक व्यवस्था बनाने में कम से कम 12 से 18 महीने का समय लग जाएगा। बता दें कि पहले चरण में मौजूदा उपलब्ध भूमि के अलावा 282.73 एकड़ और भूमि की डिमांड एएआइ की ओर से की गई है, जबकि दूसरे चरण में 122.4 एकड़ की आवश्यकता बताई गई है।
पहले चरण का लेखा-जोखा
तीन गांव के किसानों से अधिग्रहण पर खर्च 401 करोड़
अधिग्रहित की जाने वाली सरकारी भूमि 14.89 करोड़
वन विभाग की भूमि का मूल्य 32.43 करोड़
एमडीए की भूमि का मूल्य 32 करोड़
अर्बन सीलिंग की भूमि का मूल्य 10 करोड़
दूसरे चरण का लेखा-जोखा
तीन गांव के किसानों से अधिग्रहण पर खर्च 174 करोड़
अधिग्रहित की जाने वाली सरकारी भूमि 37.35 लाख
वन विभाग की भूमि का मूल्य 33 करोड़
एमडीए की भूमि का मूल्य 1.39 करोड़
वादे के मुताबिक सड़क निर्माण पर खर्च 22 करोड़
सिटी मजिस्टेट ने की बैठक
सिटी मजिस्टेट संजय कुमार पांडेय ने मंगलवार को परतापुर स्थित डा. भीम राव अंबेडकर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण को लेकर बैठक की। बैठक में एयरपोर्ट अथॉरिटी के संयुक्त महाप्रबंधक व हवाई पट्टी के प्रभारी अधिकारी संत कुमार से मास्टर प्लान को लेकर चर्चा की। मास्टर प्लान को परीक्षण में सही पाया।