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योगी सरकार में कुख्यातों का खौफनाक अंत, अपराधियों के बंगलों पर चला बुल्‍डोजर तो बड़े से बड़े गैंग का हुआ सफाया

उत्तर प्रदेश की सत्ता हासिल करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था अपराधी या तो अपराध छोड़ देगा या यूपी छोड़ेगा जिस भाषा में समङोगा उसी भाषा में समझाया जाएगा। नतीजतन प्रदेश में ताबड़तोड़ एनकाउंटर के सिलसिले से बदमाशों में खलबली मच गई।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 09:07 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 01:15 PM (IST)
योगी सरकार में अपराधियों का खौफनाक अंत हुआ।

[सुशील कुमार] मेरठ। उत्तर प्रदेश की सत्ता हासिल करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था अपराधी या तो अपराध छोड़ देगा या यूपी छोड़ेगा, जिस भाषा में समङोगा उसी भाषा में समझाया जाएगा। उनके इस जुमले प्रदेश के पुलिस तंत्र ने अपनी भाषा में समझा और बदमाशों पर टूट पड़ी। नतीजतन, प्रदेश में ताबड़तोड़ एनकाउंटर के सिलसिले से बदमाशों में खलबली मच गई। इस कड़ी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संगठित माफिया सरगना की कमर तोड़ दी गई। सुशील मूंछ, बद्दो और भूपेंद्र बाफर प्रमुख कुख्यात शामिल हैं। बद्दो के आलीशान बंगले पर बुल्डोजर चला दिया गया। दिल्ली के कुख्यात शिव शक्ति नायडू को भी वेस्ट यूपी के मेरठ में ही मार गिराया गया। शिव शक्ति नायडू ने फिल्म अभिनेत्री शिल्पा सेट्टी के पति राज कुंद्रा से करोड़ों की लूट की थी।

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मुकीम काला के खात्मे के बाद पश्चिम के व्यापारियों और पुलिस तंत्र ने राहत की सांस ली है। बताया जाता है कि मुकीम जेल में बैठकर ही अपने शूटरों से वारदात करवाता था। उसके अलावा भी योगी सरकार में कुख्यात सुशील मूंछ और भूपेंद्र बाफर को भी जेल भेज दिया था। हालांकि सुशील मूंछ जमानत पर रिहा हो चुका है। उसके साथ ही ढाई लाख के इनामी बदन सिंह बद्दो की पुलिस कस्टडी से फरारी के बाद उसके बंगले पर बुल्डोजर चलवा दिया गया। उसको शह देकर भगाने वालों पर गैंगस्टर की कार्रवाई हो चुकी है। कुख्यात उधम सिंह और योगेश भदौड़ा भी जेल से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं।

दोनों के बीच सालों से गैंगवार चली आ रही थी, लेकिन पुलिस और सरकार के तेवर देखकर दोनों जानी दुश्मनों ने हाथ मिला लिया। पुलिस ने योगेश भदौड़ा और उधम सिंह के घर से हथियार तक बरामद किए। योगेश भदौड़ा द्वारा कब्जा की गई लाखों की जमीन पर भी बुल्डोजर चलवा दिया। नोएडा के कुख्यात बलराज भाटी को भी एसटीएफ ने मार गिराया था। उसके अलावा मुकीम काला के भाई वसीम काला, शूटर साबिर जंधेड़ी का भी सफाया कर दिया गया। मुजफ्फरनगर का कुख्यात आदेश बालियान भी मुठभेड़ में मारा गया था। उसका भाई हरित बालियान अभी फरार चल रहा है। हरित पर ढाई लाख का इनाम घोषित है। योगेश भदौड़ा गैंग के हिमांशु नरसी को भी मार गिराया। हिमांशु नरसी गाजियाबाद के मोदीनगर का रहने वाला था। यानि योगी सरकार के कार्यकाल में बड़े-बड़े कुख्यातों का खौफनाक अंत हो गया। इस सबके अलावा बड़ी संख्या में बदमाश पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गए। इनसे जेलें भरी पड़ी हैं।

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा- बदमाशों को किसी भी तरह से पनपने नहीं दिया जाएगा। योगी सरकार के चार साल के कार्यकाल में 135 से भी ज्यादा एनकाउंटर कर दिए गए हैं। सबसे ज्यादा मुठभेड़ वेस्ट यूपी में हुई हैं। वहां पर कुख्यातों का पूरी तरह से खात्मा कर दिया है। कई बदमाशों की अवैध संपत्ति भी जब्त कर ली गई। यूपी में कानून का राज कायम करने की सरकार की प्राथमिकता है।  


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