Saharanpur: मिलिए धरती पर लावारिस बच्चों के भगवान डा. राजेश से, पांच साल से 500 से ज्यादा बच्चों को कर चुके हैं उपचार
भगवान को पृथ्वी पर भगवान का दर्जा दिया गया है। इस लाइन को जिले के बाल रोग विशेषज्ञ डा. राजेश शर्मा चरितार्थ करते हैं। ये लावारिस बच्चों को मुफ्त इलाज करने को अपना सौभाग्य मानते हैं। स्वस्थ्य कर उनकी दुआएं लेने को ही डाक्टरी का महत्वपूर्ण हिस्सा मान बैठे हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। भगवान को पृथ्वी पर भगवान का दर्जा दिया गया है। इस लाइन को जिले के बाल रोग विशेषज्ञ डा. राजेश शर्मा चरितार्थ करते हैं। ये लावारिस बच्चों को मुफ्त इलाज करने को अपना सौभाग्य मानते हैं। साथ ही गरीबों को स्वस्थ्य कर उनकी दुआएं लेने को ही डाक्टरी का महत्वपूर्ण हिस्सा मान बैठे हैं। इन्हें कई बार जिला प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं की तरफ से सम्मानित भी किया जा चुका है।
शहर के जाने माने बाल रोग विशेषज्ञ डा. राजेश शर्मा पूर्व जिलाधिकारी आलोक पाण्डेय ने सम्मानित किया था। साथ ही कहा कि ऐसी ही चिकित्सकों को भगवान कहलाने का हक है जो बिना किसी स्वार्थ के गरीब व लावारिस बच्चों का मुफ्त में इलाज कर उन्हें मौत के मुंह से निकाल लाते हैं। डा. शर्मा बताते हैं कि, करीब 20 से 30 तो ऐसे बच्चे थे, जिन्हें उनके अपने ही अस्पताल गेट पर छोड़ गए।
बच्चों की हालत बेहद नाजुक थी तो 20 से 25 दिन तक उन्हें वैंटीलेटर पर रखा गया तब जाकर उनकी जान बच सकी। उन्होंने बताया कि अपने अस्पताल में लावारिस बच्चों का मुफ्त में इलाज करना वह अपना सौभाग्य मानते हैं। इसके लिए कभी-कभी मेडिकल कंपनी के रिप्रेजेंटेटिव से भी दवा के रूप में सहयोग मिल जाता है। बीते पांच साल से ऐसा कर हैं, अब तक 500 से अधिक लावारिस बच्चों को उपचार कर चुके हैं।