आरोग्य के संग आत्मनिर्भर बना रहीं हैं डा. इंदू
कोरोना के समय में आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति भी लोगों का विश्वास बढ़ा है। लगातार हो रही महंगी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच रोगियों को आरोग्य देने के साथ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं डा. इंदू कुमार।
विवेक राव, मेरठ : कोरोना के समय में आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति भी लोगों का विश्वास बढ़ा है। लगातार हो रही महंगी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच रोगियों को आरोग्य देने के साथ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं डा. इंदू कुमार। अभी तक वह शुगर, कैंसर, पीलिया, पोस्ट कोविड सहित कई बीमारियों से हजारों लोगों को नेचुरोपैथी से ठीक कर चुकी हैं। उनसे प्रशिक्षण लेकर 200 से अधिक युवक और युवतियां अपना खुद का सेंटर भी चला रहे हैं।
करीब 74 वर्षीय डा. इंदू कुमार माल रोड सेंट मेरीज एकेडमी के पीछे विवेक विहार में प्राकृतिक चिकित्सा का केंद्र चलाती हैं। मिट्टी, पानी से इलाज करती हैं। प्राकृतिक चिकित्सा में वह स्पर्श विधि से भी उपचार करती हैं। अपने सेंटर पर वह इलाज के साथ प्रशिक्षण भी देती हैं। साथ ही खुद रिसर्च करके दवाएं भी तैयार करती हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी डा. इंदू ने सैकड़ों लोगों का इलाज कर पाजिटिव से निगेटिव भी किया। कैंसर, पेट, किडनी से संबंधित बीमारियों को ठीक करने का दावा वह प्राकृतिक चिकित्सा से करती हैं। इसमें एलोपैथी से निराश हुए कई मरीजों को भी उन्होंने ठीक किया है।
तीन माह की देती हैं ट्रेनिग
डा. इंदू कुमार अपने रिसर्च और चिकित्सा को आम जन तक पहुंचाने की भी कोशिश कर रहीं हैं। उनके यहां मेरठ से बाहर के भी बहुत से लोग आकर प्राकृतिक चिकित्सा की ट्रेनिग भी लेते हैं। तीन माह में नेचुरोपैथी का कोर्स कराती हैं। जिससे लोग खुद स्वस्थ होने के साथ दूसरों को भी स्वस्थ रखने के लिए तैयार हो सकें।
55 साल की आयु में खुद किया था कोर्स
डा. इंदू कुमार के ट्रीटमेंट और ट्रेनिग के पीछे उनके बेटे को दिया संकल्प है। करीब 20 साल पहले उन्होंने कैंसर की वजह से अपने बेटे को खो दिया था। देश भर में इलाज कराने के बाद भी वह बेटे को नहीं बचा पाईं थीं। फिर बेटे के कहने पर ही 55 साल की आयु में दिल्ली में रहकर खुद प्राकृतिक चिकित्सा का पूरा कोर्स किया। तभी से वह कैंसर के खिलाफ प्राकृतिक चिकित्सा से लड़ाई लड़ रहीं हैं।
पेट सही तो सब सही
डा. इंदू कुमार बताती हैं कि हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने का अधिकार है। जो मुश्किल नहीं है। हर बीमारी में फूड सप्लीमेंट्री का महत्व रहता है। गलत खानपान से पेट खराब होता है और एक बार पेट खराब हुआ तो कई बीमारियों का प्रवेश शरीर में हो जाता है। उनके इलाज में दिनचर्या नियमित करने से लेकर खानपान पर भी ध्यान दिया जाता है। मिट्टी और भाप के सहारे इलाज के साथ लोगों के पेट को कैसे ठीक रखा जाए इस पर पूरा रिसर्च किया जाता है।