92 साल में पूरा हुआ दिल्ली से सहारनपुर रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण
देवबंद से टपरी के बीच 28 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक के दोहरीकरण का निरीक्षण मुख्य संरक्षा आयुक्त ने बुधवार को किया।
मेरठ, जेएनएन। देवबंद से टपरी के बीच 28 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक के दोहरीकरण का निरीक्षण मुख्य संरक्षा आयुक्त ने बुधवार को किया। इसके साथ दिल्ली से सहारनपुर तक 180 किलोमीटर रेल ट्रैक का दोहरी करण का कार्य पूरा हो गया। सीआरएस ने 125 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलवा कर ट्रैक की गुणवत्ता आंकी। उनके अनुमति देने के बाद बुधवार को पहली ट्रेन जनशताब्दी एक्सप्रेस नई दिल्ली से देहरादून रात 9.20 बजे नए टैक पर गुजरी। इसमें चार स्टेशनों से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण हुआ है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार 92 साल इस कार्य को पूरा होने में लग गए। मेरठ से सहारनपुर के बीच दूरी 110 किलोमीटर है। ट्रैक के दोहरीकरण होने से ट्रेनों का आवागमन निर्बाध रूप से हो सकेगा इसके साथ संचालन समय भी कम हो जाएगा। 1928 में पहली बार इंग्लैंड से ड्यूक मेरठ छावनी का निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने प्रशासनिक कारणों से दिल्ली से सहारनपुर रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण की बात कही थी। इसके बाद 49 साल बाद 1977 में गाजियाबाद से मुरादनगर के बीच रेलवे ट्रैक दोहरीकरण हुआ था। बुधवार को ट्रैक का ट्रायल सफल रहने की सूचना मिली। रेलवे के स्टाफ में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। मेरठ से सिटी स्टेशन के अधीक्षक आरपी सिंह, कैंट से उपेंद्र सिंह आदि अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
कब कब क्या हुआ
1928 में पहली बार दिल्ली से सहारनपुर का प्रस्ताव आया था
1977 में गाजियाबाद से मुरादनगर के बीच दोहरीकरण हुआ
2000 में मुरादनगर से मेरठ के बीच दोहरीकरण हुआ।
2017 में मेरठ से दौराला के बीच रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण हुआ
2018 को दौराला से खतौली के बीच रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण हुआ
2019 को खतौली से मुजफ्फरनगर
मार्च 2020 को मुजफ्फरनगर से देवबंद के बीच रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण हुआ
23 दिसंबर 2020 को देवबंद से टपरी तक रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हुआ।