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अगले दो दिन और बिगड़ेगी हवा, प्रदूषण से बचना है तो ये करें उपाय Meerut News

दीपावली के बाद से शहर में प्रदूषण के स्‍तर में बढ़ोत्‍तरी हुई है। प्रदूषण के मौजूदा स्तर को देखते हुए वैज्ञानिकों का आकलन है कि अगले दो दिन मेरठ की आबोहवा और खराब हो सकती है।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 01:11 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 01:11 PM (IST)
अगले दो दिन और बिगड़ेगी हवा, प्रदूषण से बचना है तो ये करें उपाय Meerut News
अगले दो दिन और बिगड़ेगी हवा, प्रदूषण से बचना है तो ये करें उपाय Meerut News

मेरठ, जेएनएन। pollution Level In Meerut हवा में प्रदूषण के मौजूदा स्तर को देखते हुए वैज्ञानिकों का आकलन है कि अगले दो दिन मेरठ की आबोहवा और खराब हो सकती है। 29 और 30 अक्टूबर को संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। 31 से स्थिति में सुधार संभव है। अगले दो दिन में प्रदूषण स्तर बढऩे की बड़ी वजह तापमान में गिरावट और धुंध का होना बताया जाता है। 31 को आसमान साफ रहने के संकेत हैं, जिससे सूरज की किरणों से प्रदूषण छंटेगा। 

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इस तरह बच सकते हैं प्रदूषण से

अस्थमा, सीओपीडी व एलर्जी के मरीजों को बाहर न निकलने दें।

बच्चों पर भी वायु प्रदूषण का ज्यादा असर है, उन्हें दूर रखें।

हार्ट के मरीजों को भी सल्फरयुक्त गैसों के बीच नहीं जाना चाहिए।

अगर आंख में खुजली या जलन हो तो ठंडे व साफ पानी से धोएं।

सांस फूलने पर लंबी सांस लें। बाहर न निकलें। घर में ही रहें।

ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें। यह प्रदूषण नाशक है।

दूध के साथ हल्दी लें। घृतकुमारी भी प्रदूषण कम करता है।

गुड़ खाने पर वायु प्रदूषण से शरीर को कम नुकसान होता है।

सांस व दमा के मरीज मास्क पहनकर ही बाहर निकलें।

एयर प्यूरीफायर हो तो उसे नियमित चलाएं।

घरों की खिड़कियों को अगले दो-तीन दिन बंद करना ही ठीक होगा।

ऐसे मौसम में साइक्लिंग, दौड़ या व्यायाम के लिए बाहर न निकलें।

यह कहते हैं विशेषज्ञ

पटाखों से निकले सल्फरयुक्त रसायन अस्थमा के मरीजों में अटैक का कारण बनते हैं। सांस की नलियों में सूजन पैदा कर एलर्जिक रानाइटिस बनाती है। फेफड़ों में ऑक्सीजन रोकने की क्षमता गिरती है। सांस के मरीज मास्क लगाकर निकलें तो बेहतर रहेगा।

- डा. वीरोत्तम तोमर, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ

आतिशबाजी के धुएं में रसायनिक कणों का घनत्व ज्यादा होने से नाक एवं गले में जलन होती है। ये एलर्जी, छींक व गले में खांसी से बनने वाले जख्म का कारण बन सकते हैं। नमक पानी का गरारा करें तो गले में प्रदूषित कणों का लोड कम होगा।

- डा. अभिषेक सिंह, नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ 


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