तबीयत बिगड़ऩे का इंतजार न करें मरीज, नोडल अफसर ने कोविड केंद्रों का इनपुट शासन को भेजा Meerut News
मेरठ जिले में कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। मौत की दर नियंत्रित नहीं हो रही जबकि एल-3 केंद्र में गंभीर रूप से बीमार मरीज लगातार पहुंच रहे हैं। प्रदेश सरकार ने विशेष सचिव अरुण प्रकाश को नोडल अधिकारी बनाकर मेरठ भेजा। इन्होंने अपनी रिपोर्ट भेज दी है।
मेरठ, जेएनएन। जिले में कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। मौत की दर नियंत्रित नहीं हो रही, जबकि एल-3 केंद्र में गंभीर रूप से बीमार मरीज लगातार पहुंच रहे हैं। प्रदेश सरकार ने प्रमुख सचिव पी गुरुप्रसाद एवं विशेष सचिव अरुण प्रकाश को नोडल अधिकारी बनाकर मेरठ भेजा। अरुण प्रकाश ने पांच दिनों तक रुककर सभी कोविड केंद्रों का निरीक्षण कर शासन को अपना इनपुट भेजा। पेश है नोडल अधिकारी अरुण प्रकाश से खास बातचीत-
प्रश्न : आपने पांच दिनों तक कोविड केंद्रों का नियमित निरीक्षण किया। कैसी सुविधाएं हैं, और नया क्या किया जाना चाहिए।
-प्रदेश सरकार ने कोरोना नियंत्रण को लेकर अभूतपूर्व सुविधाएं दी हैं। मेरठ के कोविड केंद्रों में बेहतर स्टाफ है। मेडिकल कालेज एल-3 केंद्र के रूप में कार्यरत है, जहां हाई फ्लो नेजल कैनुला, वेंटीलेटर और आधुनिक दवाएं भी हैं। पर यहां चुनौती ज्यादा है, जहां मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री देखते हुए इलाज के लिए कहा गया है, जिसके बेहतर परिणाम मिलेंगे। सुभारती में सुधार के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। कोविड केंद्रों में रक्त में थक्का की जांच करने वाला डी-डाइमर टेस्ट जरूरी है।
प्रश्न : मेरठ में मौतों की दर ज्यादा क्यों है, खासकर मेडिकल कालेज में?
-जिले में कोविड-19 की स्थिति को लेकर गहनता से पड़ताल की गई। मेडिकल कालेज के एल-3 केंद्र में अंतिम अवस्था में मरीजों के पहुंचने से मौतें ज्यादा हो रही हैं। संक्रमण शरीर में फैल चुका होता है, जिसकी कोई विशेष दवा नहीं है। फिर भी सिम्टोमेटिक इलाज से बड़ी संख्या में मरीज बचाए गए। जिले में 90 से ज्यादा मरीजों की तबीयत बिगडऩे पर उन्हें होम आइसोलेशन से कोविड केंद्र पहुंचाया गया, जो बेहद जरूरी था। मास्क पहनें, भीड़ से बचें तो संक्रमण की गुंजाइश बेहद कम होगी।
प्रश्न: कोरोना नियंत्रण को लेकर प्रशासन एवं निजी अस्पतालों के बीच सामंजस्य नहीं है। इसे कैसे दूर करेंगे।
-मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम एवं सीनियर नोडल अधिकारी पी. गुरुपसाद के नेतृत्व में मेडिकल कालेज में निजी अस्पतालों के साथ संवाद हुआ, जो कोरोना नियंत्रण के लिए साथ खड़े हैं। निजी अस्पताल वक्त पर सांस एवं बुखार के मरीजों को कोविड केंद्र भेजें। ये साथ मिलकर लडऩे का वक्त है। मरीजों की चेस्ट सीटी व एक्स रे करने से स्थिति का पता चल जाता है।