पहले से ही कक्षा में नहीं करते मोबाइल का इस्तेमाल
चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े कई कॉलेजों में मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर पहले से ही सख्ती है।
मेरठ,जेएनएन। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े कई कॉलेजों में मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर पहले से ही सख्ती है। खासकर गर्ल्स कॉलेजों में इस पर खास ध्यान रखा जा रहा है। उच्च शिक्षा निदेशालय के निर्देश के बाद कॉलेजों में और निगरानी शुरू हो गई है। शहीद मंगल पांडेय गर्ल्स डिग्री कॉलेज में छात्राएं मोबाइल लेकर तो आती हैं, लेकिन कक्षा में उनके मोबाइल की घंटी नहीं बजती। प्रदेश के कॉलेज और विश्वविद्यालयों में मोबाइल पर रोक लगने के आदेश की छात्राओं ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। उनका मानना है कि पढ़ाई के लिए मोबाइल से दूर रहना जरूरी है। शिक्षक और प्राचार्य ने भी इसे शिक्षा के लिए सही कदम बताया है।
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कॉलेज में ज्यादातर छात्राएं दूर-दराज से आती हैं। इसलिए वह अपने साथ मोबाइल रखती हैं। लेकिन कॉलेज परिसर में छात्राएं इसका इस्तेमाल नहीं करती हैं। कॉलेज में यह अनुशासन पहले से ही है। इस आदेश के बाद छात्राओं में और भी जागरूकता आएगी।
- डा. संध्या रानी, प्राचार्य, शहीद मंगल पांडेय
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- मोबाइल की वजह से आज की युवा पीढ़ी पढ़ाई से दूर होने लगी है। खासकर अनावश्यक तरीके से मोबाइल पर रहने की वजह से काफी वक्त खराब होता है। ऐसे में कॉलेज परिसरों में इस पर प्रतिबंध उचित कदम है।
डा. लता कुमार, शिक्षिका, शहीद मंगल पांडेय गर्ल्स डिग्री कॉलेज
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यह कहना है शहीद मंगल पांडेय गर्ल्स कॉलेज की छात्राओं का
- मोबाइल का इस्तेमाल पढ़ाई के समय तो कभी नहीं करना चाहिए। कॉलेजों में मोबाइल पर रोक लगाने का आदेश सही है। इसका हर छात्र- छात्राओं को समर्थन करना चाहिए।
अनुभा - मोबाइल और इंटरनेट का सही इस्तेमाल कम लोग करते हैं, इसकी वजह से इसके नकारात्मक पक्ष अधिक सामने आते हैं। मोबाइल को लेकर अनुशासन बहुत जरूरी है। कक्षा में पढ़ाई के समय तो मोबाइल स्वीच रखना ही चाहिए।
सुषमा पाल -कॉलेज में कंप्यूटर सहित अन्य सुविधाएं हैं। ऐसे समय को मोबाइल में नहीं लगाना चाहिए। मोबाइल लेकर आने पर रोक नहीं होनी चाहिए। क्योंकि कई बार अभिभावक परेशान होते हैं।
नेहा
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- कई छात्राएं दूर दराज से आती हैं, ऐसे में उन्हें मोबाइल रखना पड़ता है, लेकिन कक्षा में पहले से ही छात्राएं मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करती हैं। मेरे कॉलेज में ऐसी कोई समस्या अभी तक नहीं आई है।
पायल गर्ग